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Rajnath Singh: 'मान, सम्मान और स्वाभिमान' के प्रतीक महाराणा प्रताप को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने किया नमन, भामाशाह के त्याग को भी सराहा
Rajnath Singh: मंत्री राजनाथ सिंह ने वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है। सिंह ने महाराणा प्रताप को भारतीय इतिहास का ऐसा महानायक बताया
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Rajnath Singh: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है। सिंह ने महाराणा प्रताप को भारतीय इतिहास का ऐसा महानायक बताया, जिन्होंने अपनी मातृभूमि के 'मान, सम्मान और स्वाभिमान' की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया।
राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट के माध्यम से महाराणा प्रताप को स्मरण करते हुए नमन किया। उन्होंने लिखा, "वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जी की जयंती पर मैं उन्हें स्मरण करते हुए नमन करता हूँ। वे भारतीय इतिहास के ऐसे महानायक हैं जिन्होंने अपनी मातृभूमि के ‘मान, सम्मान और स्वाभिमान’ की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया।"
वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जी की जयंती पर मैं उन्हें स्मरण करते हुए नमन करता हूँ। वे भारतीय इतिहास के ऐसे महानायक हैं जिन्होंने अपनी मातृभूमि के ‘मान,सम्मान और स्वाभिमान’ की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया।
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) May 9, 2025
महाराणा प्रताप ने सिर्फ़ शौर्य और पराक्रम का ही अपने जीवन में…
रक्षामंत्री ने महाराणा प्रताप के शौर्य और पराक्रम के साथ-साथ समाज को एकजुट रखने के उनके प्रयासों को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप ने सिर्फ युद्ध के मैदान में ही अपनी वीरता नहीं दिखाई, बल्कि उन्होंने समाज को भी एक सूत्र में पिरोए रखने का महत्वपूर्ण कार्य किया।
इस अवसर पर राजनाथ सिंह ने दानवीर भामाशाह को भी याद किया। उन्होंने कहा, "आज के दिन मैं दानवीर भामाशाह का भी स्मरण करता हूँ जिन्होंने संकट के समय में अपने संचित धन को बिना किसी सोच के महाराणा को देकर अद्भुत त्याग का उदाहरण प्रस्तुत किया।" रक्षामंत्री ने जोर देकर कहा कि जब भी अतुलनीय त्याग, दान और अपरिमित उदारता की बात की जाएगी, तब-तब भामाशाह के जीवन की मिसाल दी जाएगी।
रक्षामंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्हें आज पटना में बिहार प्रदेश भाजपा द्वारा आयोजित राणा-भामा सम्मेलन को संबोधित करना था, लेकिन कुछ अपरिहार्य कारणों से वे उस कार्यक्रम में सम्मिलित नहीं हो पाएंगे। उन्होंने अंत में पुनः महाराणा प्रताप जी और भामाशाह की स्मृति को नमन किया।राजनाथ सिंह का यह संदेश महाराणा प्रताप और भामाशाह के बलिदान और आदर्शों को याद करने के साथ-साथ उनके मूल्यों को वर्तमान संदर्भ में प्रासंगिक बनाने का प्रयास है।