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HC के ऑर्डर की उड़ी धज्जियां, DUSU चुनाव के दौरान जमकर हुई धमाचौकड़ी, छात्रों ने किया अंधाधुंध प्रचार
दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ (DUSU) चुनाव में हाई कोर्ट के आदेशों की जमकर अनदेखी हुई। वोटिंग के दिन पोस्टरबाजी, ढोल-नगाड़े, अंधाधुंध प्रचार और ईवीएम गड़बड़ी के आरोपों ने चुनाव प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए।
Delhi University DUSU Election 2025: दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ (DUSU) चुनाव में इस बार भी नियमों की जमकर अनदेखी हुई है। सुबह 7:30 बजे से शुरू हुई वोटिंग के दौरान, प्रशासन के सख्त इंतजाम के दावों के बावजूद, यूनिवर्सिटी कैंपस में हर जगह नियमों का उल्लंघन होता दिखा। सड़कों पर बिखरे प्रिंटेड पोस्टर्स, बैनर और ढोल-नगाड़े इस बात की गवाही दे रहे थे कि उम्मीदवारों और उनके समर्थकों ने हाई कोर्ट और लिंगदोह कमेटी के आदेशों को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया।
दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ का 'अंधाधुंध' प्रचार
दिल्ली हाई कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया था कि चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद किसी भी तरह का प्रचार नहीं किया जाएगा। इसके बावजूद, वोटिंग के दिन भी कई छात्र संगठन और उनके समर्थक पर्ची और पोस्टर के जरिए प्रत्याशियों का प्रचार करते नजर आए। एबीवीपी और एनएसयूआई के सदस्य ढोल बजाते हुए भी देखे गए, जो कि नियमों का सीधा उल्लंघन है।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यूनिवर्सिटी कैंपस में सड़कों पर सभी संगठनों और प्रत्याशियों से जुड़ी प्रिंटेड पर्चियां और पोस्टर बिखरे पड़े थे। हाई कोर्ट ने प्रिंटेड पोस्टर्स के इस्तेमाल पर पूरी तरह से बैन लगा रखा है और यह भी कहा है कि अगर ऐसा होता है, तो उम्मीदवारों के रिजल्ट तो घोषित किए जाएंगे, लेकिन उन्हें पदभार नहीं लेने दिया जाएगा।
'ईवीएम' में 'गड़बड़ी' और 'वोट चोरी' का आरोप
वोटिंग के दौरान कई जगहों पर ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायतें भी मिलीं। एनएसयूआई की अध्यक्ष पद की प्रत्याशी जोसलिन नंदिता चौधरी ने हंसराज कॉलेज और किरोड़ीमल कॉलेज में ईवीएम में अनियमितता की बात कहते हुए वोट चोरी का आरोप लगाया है। उन्होंने यह भी दावा किया कि कई जगह ईवीएम पर एबीवीपी के उम्मीदवारों के नाम के सामने स्याही लगाई गई थी।
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि शाम 7:30 बजे वोटिंग खत्म होने के बाद वे वोटिंग डे को लेकर एक स्टेटस रिपोर्ट सबमिट करेंगे। यह रिपोर्ट बताएगी कि क्या-क्या नियमों का उल्लंघन हुआ है। डूसू चुनाव में इस बार भी कई छात्र संगठन, जैसे एबीवीपी, एनएसयूआई, आईसा, एसएफआई और एएसएपी मैदान में हैं। अध्यक्ष पद के लिए 9 उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे हैं। यह चुनाव सिर्फ एक यूनिवर्सिटी का नहीं, बल्कि देश की छात्र राजनीति का भी एक बड़ा हिस्सा है। अब देखना यह है कि नियमों का उल्लंघन करने वालों पर क्या कार्रवाई होती है।
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