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हो जाएं सावधान! कोरोना के बाद इस भयानक बिमारी की दस्तक, बढ़ते जा रहे मामले
भारत कोरोना वायरस महामारी से बेहद बुरी तरह प्रभावित हैं। इसी बीच अब देश के लिए एक और बड़ी चुनौती खड़ी हो गयी है। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच दूसरी बीमारियों का खतरा भी मंडराने लगा है।
लखनऊ: भारत कोरोना वायरस महामारी से बेहद बुरी तरह प्रभावित हैं। इसी बीच अब देश के लिए एक और बड़ी चुनौती खड़ी हो गयी है। दरअसल, कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच दूसरी बीमारियों का खतरा भी मंडराने लगा है। राजधानी दिल्ली में वेक्टर जनित बीमारियों के मामले बढ़ रहे हैं। डेंगू, मलेरिया से अब तक 73 लोग बीमार हो चुके हैं।
डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के रोगी बढ़े
राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस से संक्रमित बीमारों की संख्या भले ही अब थम गयी हो लेकिन मानसून के कारण डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मामले बढ़ रहे हैं। यहां अब तक 73 लोग वेक्टर जनित बीमारियों से संक्रमित हो चुके हैं। इनमे 38 मलेरिया के रोगी हैं, 22 डेंगू और बाकी 13 चिकनगुनिया के मरीज हैं।
डेंगू और कोरोना मरीजों में एक जैसे लक्षण
डेंगू और कोरोना मरीजों में एक जैसे लक्षण होने के चलते अब दोहरी चुनौती है। विषाणु वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी कि डेंगू का प्रकोप बढ़ने से कोविड-19 संकट गहरा सकता है क्योंकि दोनों वायरस एक दूसरे के लिये सहायक साबित हो सकते हैं। एक ही समय पर दोनों संक्रमण होना कहीं अधिक घातक होगा। कमजोर हो चुकी प्रतिरक्षा प्रणाली दूसरे विषाणु को कहीं अधिक घातक बना देगी।
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हर साल दो लाख मामले
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भारत में हर साल डेंगू के करीब एक से दो लाख मामले सामने आते हैं। नेशनल वेक्टर बोर्न डीजीज कंट्रोल प्रोगाम के मुताबिक, 2019 में डेंगू के 1,36,422 मामले सामने आए थे और करीब 132 लोगों की मौत हुई थी। मानसून में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसे मच्छरजनित रोग सालाना हजारों लोगों को चपेट में लेते हैं। कोरोना काल में इन रोगों को लेकर एहतियात की जरूरत है। सीरो सर्वे या एंटीबॉडी जांच के दौरान यह पूछा जाना चाहिए कि व्यक्ति को कभी डेंगू हुआ था या नहीं। अगर वह पहले डेंगूग्रस्त था तो उसकी एंटीजन जांच जरूरी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी मानसून को लेकर राज्यों को अलर्ट पर रहते हुए कोरोना संकट से जूझने पर जोर देने के लिए भी कहा था।
दो तरह की किट में एक जैसा नतीजा
अध्ययन के दौरान डेंगू एंटीबॉडी को लेकर कोरोना की एंटीबाडी आईजीजी व आईजीएम का परीक्षण किया गया तो दो अलग-अलग तरह की किटों का इस्तेमाल करने के बाद भी फाल्स पॉजिटिव सामने आया। देश में कोरोना के फैलाव का पता लगाने के लिए आरटी-पीसीआर और एंटीजन के अलावा एंटीबॉडी जांच पर भी ध्यान दिया जा रहा है, लेकिन अगर किसी व्यक्ति में डेंगू की एंटीबॉडी है तो कोरोना का पता लगाना मुश्किल हो सकता है।
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