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खाली करना होगा आवास, पूर्व उपराष्ट्रपति के परिजन को कोर्ट से झटका
पूर्व उप राष्ट्रपति एवं राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. भैरों सिंह शेखावत के परिजनों को सरकारी आवास छोड़ना पड़ेगा। बता दें अभी तक उनके परिजन जयपुर स्थित सरकारी आवास में निवास कर रहे हैं।
जयपुर: पूर्व उप राष्ट्रपति एवं राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. भैरों सिंह शेखावत के परिजनों को सरकारी आवास छोड़ना पड़ेगा। बता दें अभी तक उनके परिजन जयपुर स्थित सरकारी आवास में निवास कर रहे हैं।
महेश जोशी को आवंटित हुआ मकान...
राजस्थान सरकार ने यह आवास सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी को आवंटित कर दिया है। जयपुर जिला अतिरिक्त जिला कलेक्टर द्वितीय ने तीन माह पूर्व शेखावत के परिजनों से आवास खाली कराने का फैसला दिया था।
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बता दें कि इसके बाद राज्य सरकार ने शेखावत के परिजनों को कई बार नोटिस भेजा। लेकिन उनके दत्तक पुत्र (नवासे) विक्रमादित्य सिंह सरकार के खिलाफ कोर्ट में चले गए।
कई बार नोटिस दिए जाने के बावजूद आवास खाली नहीं करने पर 10 हजार रुपये प्रतिदिन जुर्माने का नोटिस भेजा गया था। लेकिन शेखावत के परिजनों ने ना तो जुर्माना अदा किया और ना ही आवास खाली किया।
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कोर्ट ने जारी किया निर्देश...
अब शनिवार को जयपुर अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट ने शेखावत के परिजनों से सिविल लाइंस में स्थित बंगला नंबर-14 को खाली करने के निर्देश दिए हैं।
कोर्ट के निर्देश जारी होने के बाद राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने अब आवास खाली कराने को लेकर कार्रवाई शुरू कर दी है।
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खबर ये भी है कि सोमवार को उन्हे अंतिम चेतावनी नोटिस भेजने पर विचार किया जा रहा है, फिर भी वे यदि आवास खाली नहीं करते हैं तो फिर प्रशासन बल प्रयोग किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने स्वर्गीय भैंरो सिंह शेखावत को यह आवास साल, 1998 में आवंटित किया था, शेखावत उपराष्ट्रपति बने तो उन्हें दिल्ली में भी बंगला मिला और उनके पास जयपुर व दिल्ली में दो बंगले हो गए।
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बता दें कि उप राष्ट्रपति पद से हटने के बाद उन्होंने दिल्ली वाले बंगले को छोड़ दिया। 2010 में भैंरो सिंह शेखावत की मृत्यु होने पर भारत सरकार की 18 जून, 2010 की अनुशंसा के आधार पर उनकी पत्नी सुरज कंवर को यह आवास पेंशन एक्ट के तहत दिया गया था, लेकिन साल, 2014 में उनकी पत्नी का भी देहांत हो गया।
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इसके बाद उनके दत्तक पुत्र विक्रमादित्य सिंह उसमें रहते रहे। शेखावत के खुद के कोई संतान नहीं होने के कारण उन्होंने नवासे विक्रमादित्य सिंह को गोद लिया था। उनके पिता नरपत सिंह राजवी भाजपा विधायक हैं।
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