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इस किसान नेता को आया फोन, तुम्हें मारने का है प्लान, प्रशासन में मचा हड़कंप
किसान नेता राकेश टिकैत ने बताया कि उनको बिहार से एक फोन आया था। फोने करने वाले शख्स ने कहा कि हथियारों की जरूरत है क्या? बताओ कितने हथियार भिजवाने हैं, तुम्हें मारने का प्लान है।
नई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली सीमा पर किसानों का आंदोलन अभी जारी है। किसान ने कृषि कानून को रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं। इस बीच शनिवार को भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत को जान से मारने की धमकी मिली है। इसके बाद थाना कौशाम्बी में इसकी तहरीर दी गई है। अर्जुन बालियान (सहायक, राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत) ने तहरीर दी है। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
किसान नेता राकेश टिकैत ने बताया कि उनको बिहार से एक फोन आया था। फोने करने वाले शख्स ने कहा कि हथियारों की जरूरत है क्या? बताओ कितने हथियार भिजवाने हैं, तुम्हें मारने का प्लान है। लेकिन हमने गाजियाबाद के कप्तान को तहरीर दी है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
गौरतलब है कि राकेश टिकैत को जान से मारने की धमकी देने के मामले में पुलिस ने अपराध संख्या 635/ 2020, आईपीसी की धारा 507 के तहत माला दर्ज किया है। इसके साथ ही सर्विलांस की टीम गठित की गई है और कार्यवाही शुरू हो गई है।
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30 दिसंबर को निकालेंगे ट्रैक्टर मार्च
संयुक्त किसान मोर्चा ने आज बैठक के बाद एलान किया है कि अपनी मांगों को लेकर 30 दिसंबर को किसान ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे, जो कि सिंघु बॉर्डर से लेकर टीकरी और शाहजहांपुर तक रवाना की जायेगी। इस दौरान किसान कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग के साथ पूरे देश का इस आंदोलन में समर्थन करने की अपील करेंगे।
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किसानों के ट्रैक्टर मार्च के कारण बॉर्डर और हाईवे पर जाम की स्थिति बन सकती है। इस बार सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किये जाएंगे। किसान संगठन के एलान के बाद पुलिस बल भी तैयारियों में जुट गया है। जगह जगह स्थानीय पुलिस बल के साथ पीएसी तैनात की जाएगी।
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किसान संगठन 29 दिसंबर को सरकार संग बैठक को सहमत
बता दें कि किसानों का ये एलान उस वक्त हुआ, जब उन्होंने सरकार के साथ बातचीत के लिए सहमति भी दिखाई है। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि हमारा प्रस्ताव यह है कि किसानों के प्रतिनिधियों और भारत सरकार के बीच अगली बैठक 29 दिसंबर को सुबह 11 बजे आयोजित की जाए।
साथ ही कृषि मंत्रालय के सचिव की ओर से भेजे गए पत्र के जवाब में मोर्चा ने कहा है कि अफसोस है कि इस चिठ्ठी में भी सरकार ने पिछली बैठकों के तथ्यों को छिपाकर जनता को गुमराह करने की कोशिश की है
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