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कोरोना: सरकार ने शुरू किया ये बड़ा कार्य, अब तैयार होंगे ज्यादा सक्षम स्वास्थ्य कर्मी
कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सरकार द्वारा महत्वपूर्ण कदम उठाये जा रहे हैं। यहां तक कि लॉकडाउन की अवधि को भी बढ़ा दिया गया है। इसी कड़ी में सरकार ने एक और महत्वपूर्ण फैसला लिया है
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सरकार द्वारा महत्वपूर्ण कदम उठाये जा रहे हैं। यहां तक कि लॉकडाउन की अवधि को भी बढ़ा दिया गया है। इसी कड़ी में सरकार ने एक और महत्वपूर्ण फैसला लिया है। दरअसल सरकार ने बड़ी संख्या में कोरोना वायरस से निपटने में सक्षम स्वास्थ्य कर्मियों को तैयार करने के लिए एकीकृत डिजिटल प्रशिक्षण मंच की शुरुआत की है। यह मंच डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिकल, स्वच्छता कर्मी और प्रौद्योगिकीविदों को कोरोना वायरस से निपटने के लिए प्रशिक्षित करेगा।
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कोरोना से सम्बंधित सभी जानकारी उपलब्ध
इस एकीकृत सरकारी ऑनलाइन प्रशिक्षण मंच के द्वारा कोरोना वायरस की सामान्य जानकारी, संक्रमण से सुरक्षा और रोकथाम, निजी सुरक्षा उपकरण का इस्तेमाल करना, अलग करने और रहने की प्रक्रिया, कोरोना वायरस के मामलों का प्रबंधन, प्रयोगशाला जांच के लिए नमूने जुटाना और परीक्षण करना, आईसीयू में देखभाल एवं वेंटिलेटर के प्रबंधन से जुड़े विभिन्न पाठ्यक्रम सिखाये जायेंगे।

वैश्विक महामारी के दौरान बनाए गए एक सशक्त समूह-4 के चेयरमैन अरुण कुमार पांडा ने इस संबंध में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने राज्य सरकारों, जिला प्रशासनों और नगर निकायों से स्वास्थ्य कर्मियों को चिह्नित करने के लिए कहा है। साथ ही उन्हें जरूरत के हिसाब से फौरी तौर पर पोर्टल के माध्यम से प्रशिक्षित कराने के भी निर्देश दिए हैं।
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इस दौरान स्वास्थय कर्मियों और स्वयंसेवकों का डेटाबेस पोर्टल पर डाल दिया जाएगा। जिसके द्वारा राज्य सरकारों और जिला प्रशासनों को स्वास्थ्य कार्यों से जुड़े बड़े मानव संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी। साथ ही इस डेटा में आयुर्वेद क्षेत्र के डॉक्टर, नर्स और अन्य स्वास्थ्य पेशेवरों एवं स्वयंसेवकों की भी जानकारी होगी। इसके साथ ही नोडल अधिकारियों से संपर्क की सूचना भी इसमें उपलब्ध होगी।

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इस माध्यम से राज्य सरकारों, जिला प्रशासन और नगर निकायों को उपलब्ध मानव संसाधन के आधार पर संकट प्रबंधन की योजना बनाने में काफी मदद मिलेगी। वहीं स्वयंसेवकों का उपयोग बैंकों, राशन की दुकानों, मंडियों पर सामुदायिक दूरी को लागू करवाने में और बुजुर्गों, अनाथों एवं दिव्यांगों की मदद के लिए किया जा सकता है। साथ ही इस डेटाबेस के आधार पर उपलब्ध मानव संसाधन को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजने में भी मदद मिलेगी।
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