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भारत की सबसे बड़ी डिफेंस डील, बेहिसाब होगी नौसेना और वायुसेना की ताकत, दुश्मनों के छूटेंगे पसीने
भारत ने अपनी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने के लिए ऐतिहासिक सौदा किया है। इसमें 114 राफेल जेट्स, 6 P-8I विमान और 113 F-404 इंजन शामिल हैं, जो वायुसेना और नौसेना की ताकत को बढ़ाएंगे और 'आत्मनिर्भर भारत' को साकार करेंगे।
India Defence Deal: भारत अपनी रक्षा क्षमताओं को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए तैयार है। आने वाले हफ्तों में, देश को रक्षा क्षेत्र में कई बड़े और ऐतिहासिक सौदे मिलने वाले हैं। इनमें 114 'मेक इन इंडिया' राफेल फाइटर जेट्स, 6 अतिरिक्त P-8I विमान और 113 F-404 इंजन शामिल हैं। ये सौदे न सिर्फ भारतीय वायुसेना और नौसेना की ताकत बढ़ाएंगे, बल्कि 'आत्मनिर्भर भारत' के सपने को भी साकार करेंगे। ये सभी खरीददारी, खासकर MiG-21 स्क्वाड्रनों के रिटायर होने के बाद, भारतीय सेना के लिए बेहद जरूरी हैं।
114 'राफेल' जेट्स: वायुसेना की 'उड़ान'
भारतीय वायुसेना ने 114 राफेल फाइटर जेट्स खरीदने का प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय को भेजा है। इस सौदे की अनुमानित कीमत 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। खास बात यह है कि इन जेट्स में 60% से अधिक स्वदेशी सामग्री होगी, और इनका निर्माण फ्रांस की दसॉल्ट एविएशन भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर करेगी। इससे भारत में ही डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा।
वर्तमान में भारत के पास 36 राफेल जेट्स हैं, और नौसेना के लिए 36 और ऑर्डर पर हैं। अगर यह सौदा हो गया, तो भारत के पास कुल 176 राफेल जेट्स हो जाएंगे। इन नए जेट्स में ऑपरेशन सिंदूर में मिले अनुभव के आधार पर लंबी दूरी की एयर-टू-ग्राउंड मिसाइलें भी लगाई जाएंगी। रक्षा मंत्रालय के विभिन्न विभागों में इस प्रस्ताव पर तेजी से चर्चा चल रही है। डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल (DAC) से मंजूरी मिलते ही औपचारिक बातचीत शुरू हो जाएगी, और अगले 18 महीनों में पहले 18 जेट्स की डिलीवरी हो सकती है।
6 अतिरिक्त 'P-8I' विमान: समुद्री 'चौकीदारी'
भारतीय नौसेना अपनी निगरानी क्षमता को बढ़ाने के लिए अमेरिका से 6 और P-8I मैरीटाइम पेट्रोल विमान खरीदने वाली है। इस सौदे की कीमत 4 बिलियन डॉलर (करीब 33,000 करोड़ रुपये) है। इन विमानों का इस्तेमाल समुद्री निगरानी, एंटी-सबमरीन वॉरफेयर और इंटेलिजेंस जुटाने के लिए होता है। भारत के पास पहले से ही 12 P-8I विमान हैं, और इन 6 अतिरिक्त विमानों के आने से कुल फ्लीट 18 हो जाएगी। ये विमान हार्पून मिसाइल्स और टॉरपीडोज से लैस हैं और भारतीय महासागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों पर नजर रखने में बहुत मददगार साबित होंगे।
113 'F-404' इंजन: 'तेजस' की ताकत
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और अमेरिकी GE एयरोस्पेस के बीच 113 F-404-IN20 इंजनों का सौदा लगभग तय हो चुका है। इन इंजनों का उपयोग LCA तेजस Mk1A जेट्स में किया जाएगा। यह सौदा लगभग 1 बिलियन डॉलर (करीब 8,300 करोड़ रुपये) का है। ये इंजन तेजस की ताकत को कई गुना बढ़ा देंगे, जिसमें उन्नत AESA रडार और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम भी शामिल हैं। HAL अगले महीने (अक्टूबर) में पहले दो तेजस Mk1A डिलीवर करने को तैयार है। यह सौदा भारतीय वायुसेना की स्वदेशी क्षमता को मजबूत करेगा। ये सभी सौदे भारत की रक्षा क्षमता को मजबूत करने के साथ-साथ आत्मनिर्भरता पर भी जोर देते हैं। ये खरीददारी न सिर्फ भारत की सुरक्षा को मजबूत करेगी, बल्कि इसे विश्व रक्षा बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में भी स्थापित करेगी।
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