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भारत को अमेरिका ने फिर दिया झटका, ड्रग्स ट्रैफिकिंग मामले में रद्द किए अधिकारीयों के वीजा
अमेरिका ने भारत के कुछ अधिकारियों के वीजा रद्द कर दिए हैं, जिन पर फेंटेनाइल ड्रग्स की तस्करी में शामिल होने का आरोप है। यह कदम दोनों देशों के बीच तनाव को बढ़ा सकता है और भारत के लिए कूटनीतिक चुनौती बन गया है।
US cancelled Indian officials visa: भारत और अमेरिका के बीच चल रहे 'टैरिफ वॉर' और रूस से तेल खरीद को लेकर चल रहे तनाव के बीच, अमेरिका ने भारत पर एक और बड़ा ऐक्शन लिया है। अमेरिका ने भारत के कुछ शीर्ष अधिकारियों के वीजा रद्द कर दिए हैं। इन अधिकारियों पर अमेरिका में प्रतिबंधित ड्रग 'फेंटेनाइल प्रीकर्सर' की तस्करी में शामिल होने का आरोप है। नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास ने इस कदम को अमेरिकियों को खतरनाक सिंथेटिक नशीले पदार्थों के खतरे से बचाने के लिए उठाया गया एक व्यापक प्रयास बताया है। यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब कुछ ही घंटों पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को उन 23 देशों की सूची में शामिल किया था जिन पर ड्रग तस्करी के आरोप हैं।
ट्रंप का 'ड्रग्स' पर 'कड़ा' रुख
अमेरिका ने यह कदम तब उठाया है जब डोनाल्ड ट्रंप ने 'प्रेसिडेंशियल डिटरमिनेशन' के तहत कांग्रेस में यह सूची भेजी थी। इसमें भारत उन 23 देशों में शामिल था, जिन्हें ड्रग ट्रांजिट और अवैध नशीले पदार्थों के उत्पादन में जिम्मेदार माना गया है। दूतावास ने कहा कि कुछ भारतीय कंपनियों के अधिकारियों के वीजा रद्द करना वॉशिंगटन के उस प्रयास का हिस्सा है, जिसके तहत वह अपने नागरिकों को घातक सिंथेटिक नशीले पदार्थों से बचाना चाहता है।
'वीजा' का रद्द होना, 'नया' तनाव
नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास ने एक विज्ञप्ति में कहा कि इस फैसले के परिणामस्वरूप, ये व्यक्ति और उनके करीबी परिवार के सदस्य अमेरिका की यात्रा के लिए अयोग्य हो सकते हैं। जिन कंपनियों के अधिकारियों पर फेंटेनाइल प्रीकर्सर की तस्करी का आरोप है, उन्हें भी अमेरिका के लिए वीजा के लिए आवेदन करते समय चिह्नित किया जाएगा। दूतावास ने भारत सरकार को इस खतरे से निपटने में सहयोग के लिए धन्यवाद भी दिया है। दूतावास के चार्ज डी'एफ़ेयर जॉर्गन एंड्रयूज़ ने कहा, "अमेरिका में नशीले पदार्थों के अवैध उत्पादन और तस्करी में शामिल व्यक्तियों और संगठनों को, उनके परिवारों सहित, ऐसे परिणाम भुगतने होंगे जिनमें अमेरिका में प्रवेश से वंचित होना भी शामिल हो सकता है।"
'फेंटेनाइल' पर 'विवाद' की जड़ें
इस साल की शुरुआत में, अमेरिका ने चीन और भारत को अवैध फेंटेनाइल प्रीकर्सर रसायनों और गोली बनाने वाले उपकरणों का प्राथमिक सोर्स बताया था। मार्च में, वॉशिंगटन डीसी की एक संघीय अदालत में भारत स्थित एक रसायन निर्माता कंपनी के तीन कर्मचारियों पर फेंटेनाइल उत्पादन में इस्तेमाल होने वाले प्रीकर्सर रसायनों के अवैध आयात के आरोप लगे थे। यह घटनाक्रम दिखाता है कि अमेरिका ड्रग्स के मुद्दे पर भारत पर दबाव बनाना जारी रखेगा, और यह 'टैरिफ वॉर' के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में एक और तनाव का कारण बन सकता है।
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