घुसकर मारेंगे IBG: खतरनाक हैं ये लड़ाके, भारत-पाक सीमा पर होंगे तैनात

इस माह के अंत तक जम्मू से सटी अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास   सेना  के इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप (आइबीजी) तैनाती होने जा रही है। यह ग्रुप आइबीजी आदेश के 12 घंटे के भीतर ही दुश्मन को  ढेर कर देगा। यह इसकी विशेष दक्षता में शामिल है। प्रतिरक्षा हो या आक्रमण, युद्ध जैसी किसी भी स्थिति से तुरंत निबटने में यह दस्ता हर क्षण तत्पर रहेगा। इसके बाद लद्दाख, पूर्वोतर और राजस्थान में भी इसकी तैनाती होगी। 

suman
Published on: 13 Nov 2019 10:10 PM IST
घुसकर मारेंगे IBG: खतरनाक हैं ये लड़ाके, भारत-पाक सीमा पर होंगे तैनात
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जयपुर:इस माह के अंत तक जम्मू से सटी अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास सेना के इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप (आइबीजी) तैनाती होने जा रही है। यह ग्रुप आइबीजी आदेश के 12 घंटे के भीतर ही दुश्मन को ढेर कर देगा। यह इसकी विशेष दक्षता में शामिल है। प्रतिरक्षा हो या आक्रमण, युद्ध जैसी किसी भी स्थिति से तुरंत निबटने में यह दस्ता हर क्षण तत्पर रहेगा। इसके बाद लद्दाख, पूर्वोतर और राजस्थान में भी इसकी तैनाती होगी।

यह विशेष प्रशिक्षण मिले कमांडोज का दस्ता नहीं, बल्कि पैदल सेना, टैंक, तोपखाना, वायु रक्षा, संचार और युद्धकौशल से लैस पूरी यूनिट है।जो दुश्मन की हर चाल का जवाब देंगे।इसीलिए इसे इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप यानी एकीकृत युद्धक समूह कहा गया है। जरूरत पड़ते ही तुरंत धावा बोल देना इसकी खासियत है।

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आइबीजी किसी भी सैन्य ब्रिगेड से बड़ा और किसी डिवीजन से थोड़ा छोटा। पहले बैटल ग्रुप को हिमाचल प्रदेश के योल स्थित सेना की सबसे युवा कोर कोर-9 के अधीन तैयार किया गया है।इसी माह के अंत तक जम्मू से सटी अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास किया जाएगा तैनात। आदेश के 12 घंटे के अंदर कार्रवाई कर दुश्मन को निस्तेनाबूत करना।

युद्ध जैसी स्थिति से निपटने, प्रतिरक्षा अथवा आक्रमण के लिए हर क्षण तत्पर।3टी यानी थ्रेट (कैसी भी चुनौती) टेरेन (कैसे भी भौगोलिक क्षेत्र में) और टास्क (काम को अंजाम देना) की विशेष क्षमता। युद्ध कौशल में दक्ष, पैदल सेना, टैंक, तोपखाना, वायु सेना सहित युद्ध और संचार की अत्याधुनिक क्षमताओं से लैस है।

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इसमें शामिल अधिकारियों, जवानों की संख्या क्षेत्रीय और ऑपरेशन की आवश्यकताओं के अनुरूप तय की जाएगी। आइबीजी की कमान मेजर जनरल रैंक के एक अधिकारी के पास होगी और वह संबधित कोर के जीओसी के अधीन होगा। अधिकारियों के अनुसार प्रत्येक बैटल ग्रुप में लगभग छह से आठ यूनिट हैं। इस ग्रुप की ऑपरेशनल जिम्मेदारियों का प्रशिक्षण और पुष्टि हो चुकी है।

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