TRENDING TAGS :
वामपंथी भी चले नरेंद्र मोदी की राह: यंगिस्तान को दे रहे तरजीह
लखनऊ: पीएम नरेंद्र मोदी के यंगिस्तान के नारे से अब केरल में सत्ता पाने वाले वामपंथी दल भी प्रभावित दिखाई दे रहे हैं। केरल की एलडीए सरकार ने तय किया है कि पिनारयी विजयन अब राज्य के नए सीएम होंगे।
शुक्रवार की सुबह सीपीएम के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी और प्रकाश करात ने पार्टी के हेडक्वॉर्टर में हुई बैठक में हिस्सा लिया। यहां विजयन के नाम पर मुहर लगाई गई।
विधानसभा चुनाव में विजयन ने पूर्व सीएम और स्टार प्रचारक अच्युतानंद से सिर्फ इसलिए बाजी मारी क्योंकि वो अच्युतानंद से उम्र में 20 साल छोटे हैं।72 साल के विजयन का पार्टी की राज्य समिति में बहुमत भी था।
जमीन से जुड़े नेता हैं विजयन
विजयन को जमीन से जुड़ा नेता के तौर पर देखा जाता है। पार्टी की कार्यशैली के साथ उनका सामंजस्य भी स्थापित है। वहीं जनता के नेता कहे जाने वाले अच्युतानंद को केरल में ब्रांड तो समझा जाता है लेकिन उन पर कई बार पार्टी के अनुशासन और नियमों को तोड़ने का आरोप भी लगता रहा है। बतौर मुख्यमंत्री अच्युतानंद के पहले कार्यकाल (2006-11) के दौरान विजयन के साथ अक्सर उनका मतभेद हो जाता था जिससे पार्टी को अक्सर शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता था।
एक बार तो ऐसा भी हुआ कि पार्टी ने दोनों नेताओं का नाम पोलित ब्यूरो से हटा दिया। हालांकि विजयन को बहाल कर दिया गया था।
देश में आदर से लिए जाने वाले नाम में माकपा के ज्योति बसु थे जो 1977 से 2000 तक पश्चिम बंगाल के सीएम रहे।लगातार 23 साल तक सीएम रहने वाले वो देश के अकेले नेता थे।साल 2000 में हेल्थ प्राब्लम के कारण उन्होंनें सीएम का पद छोड़ दिया था ।ये भी कहा जाता है कि पार्टी के पोलित ब्यूरो ने उन्हें हटने को कहा गया था।हालांकि 1996 में उनके सामने पीएम बनने का भी प्रस्ताव था लेकिन माकपा के पोलित ब्यूरो ने उन्हें ये पद लेने नहीं दिया।बसु ने पार्टी के इस फैसले को राजनीतिक ब्लंडर करार दिया था।
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!