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भारत-पाकिस्तान के बीच फिर बढ़ने वाली हैं टेंशन? पाक के विदेश मंत्री बोले केवल 18 मई तक है सीजफायर की अवधि
पाकिस्तान के डिप्टी-पीएम ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि भारत-पाकिस्तान के DGMO के बीच हुई बातचीच में यह फैसला हुआ है कि दोनों देशों के बीच सीजफायर की अवधि केवल 18 मई तक ही है। भारत के DGMO राजीव घई और पाकिस्तानी DGMO काशिफ अब्दुल्ला के बीच 14 मई को हॉटलाइन पर बात हुई थी।
Pakistan Deputy PM Ishaq Dar (Photo: Social Media)
India-Pakistan Ceasefire: पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने गुरुवार को संसद में बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहा युद्धविराम 18 मई तक सीमित है। जियो टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, यह निर्णय 14 मई को दोनों देशों के DGMO के बीच हॉटलाइन संपर्क के दौरान लिया गया।
डार के इस बयान के बाद कई सवाल खड़े हो गए हैं क्या 18 मई के बाद फिर से सैन्य तनाव की शुरुआत हो सकती है? क्या यह अस्थायी शांति किसी बड़े टकराव से पहले की तैयारी है? विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की सार्वजनिक घोषणा, खासकर संसद में दोनों देशों के बीच डिप्लोमैटिक रिलेशन पर असर डाल सकती है।
शहबाज सरकार के मंत्री दे रहे सख्त बयान
डार का यह बयान ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तान सरकार के कई मंत्री विशेषकर सिंधु जल संधि को लेकर भारत को लगातार चेतावनियां दे रहे हैं। कुछ नेताओं ने यह भी कहा है कि अगर सिंधु जल समझौते को पुनः प्रभावी नहीं किया गया तो सीजफायर समझौता रद्द किया जा सकता है।
सीजफायर की समय-सीमा कैसे तय हुई?
• 10 मई को DGMO स्तर की बातचीत में 12 मई तक सीजफायर पर सहमति बनी थी।
• इसके बाद 12 मई को संपर्क के बाद यह अवधि 14 मई तक बढ़ाई गई।
• और 14 मई की बातचीत में इसे 18 मई तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया।
ऑपेरशन सिंदूर के बाद से पाकिस्तान के बीच लगातार 3 दिन तक सीमा पर तनाव उच्च स्तर पर था। इसके बाद 10 मई को दोनों देशों की बीच सीजफायर पर सहमति बनी। हालांकि, सैन्य कार्रवाई पर ब्रेक लगने के बावजूद सीमा पर अभी तनाव जारी है।
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