मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार को उखाड़ फेंकना ही कांग्रेस का मकसद

Rishi
Published on: 16 Jun 2017 10:17 PM IST
मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार को उखाड़ फेंकना ही कांग्रेस का मकसद
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भोपाल : मंदसौर गोलीकांड के खिलाफ मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में कांग्रेस का 72 घंटे का सत्याग्रह खत्म होने के बाद शुक्रवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि उनकी पार्टी का सिर्फ एक ही मकसद है और वह है शिवराज सरकार को उखाड़ फेंकना। कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय में संवाददाताओं के सवालों का जवाब देते हुए ज्योतिरादित्य ने कहा, "शिवराज सरकार किसान विरोधी है, वह किसानों पर अत्याचार कर रही है। बेरोजगारों के लिए भी इस सरकार ने कुछ नहीं किया है, इस जनविरोधी सरकार को उखाड़ फेंकना ही कांग्रेस का मकसद है।"

कांग्रेस में व्याप्त गुटबाजी और हाईकमान द्वारा संभावित जिम्मेदारी सौंपे जाने के सवाल का ज्योतिरादित्य ने अपने ही अंदाज में जवाब दिया। उन्होंने कहा, "हम सब एक साथ है, कांग्रेस एकजुट है, जहां तक मेरी भूमिका का सवाल है, तो वह जनता तय करेगी।

सिंधिया ने कहा, "शिवराज सरकार अपने को किसान हितैषी कहकर प्रचारित करती है, मगर हकीकत कुछ और है। किसान बहुत परेशान हैं, इसीलिए उन्होंने आंदोलन किया और जब आंदोलन किया तो उन पर गोलियां बरसा दी गईं। छह किसान मारे गए। ये स्थितियां राज्य में किसानों की वास्तविक हालात को बयां करती हैं।"

उन्होंने कहा कि कांग्रेस की प्रदेश इकाई अब अगली रणनीति बनाएगी और उसी के मुताबिक पार्टी के नेता आगे बढ़ेंगे, कांग्रेस का किसानों के हक के लिए संघर्ष जारी रहेगा।

इससे पहले, सत्याग्रह के मंच से राज्यसभा सदस्य सत्यव्रत चतुर्वेदी ने कहा कि सरकार में शामिल जो लोग आज किसान और खेती की बात कर रहे हैं, उन्हें किसानों की हालत का अंदाजा ही नहीं है। कांग्रेस के काल में गेहूं का समर्थन मूल्य साढ़े छह सौ से साढ़े ग्यारह सौ रुपये प्रति क्विंटल किया गया था। मौजूदा सरकार किसानों को लागत का डेढ़ गुना दाम देने की बात करती रही है, मगर ऐसा हुआ नहीं।

ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा किसानों के हितों को लेकर किए गए 72 घंटे के सत्याग्रह पर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने चुटकी ली। उन्होंने यहां तक कहा कि वे 72 घंटे भी सत्याग्रह में नहीं बैठे और दुकान लपेटकर चलते बने। सिंधिया ने बुधवार को 72 घंटे का सत्याग्रह टीटी नगर स्थित दशहरा मैदान में शुरू किया था। इसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के 28 घंटे के उपवास के 'काउंटर' के तौर पर माना गया। इस पर भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य प्रभात झा ने कहा कि सिंधिया का यह काउंटर नहीं, अपनी पार्टी के लोगों के खिलाफ ही एनकाउंटर था। वे अपने ही दल के नेताओं अरुण यादव, अजय सिंह, सुरेश पचौरी को नीचा दिखाना चाहते थे, इसी के लिए उन्होंने यह आयोजन किया।

वहीं भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार किसानों से ब्याज लेना तो दूर, उन्हें मूलधन पर 10 प्रतिशत की छूट दे रही है। कांग्रेस कभी भी किसानों की हितैषी नहीं रही। जहां तक ज्योतिरादित्य सिंधिया की बात है, तो वे 72 घंटे से पहले ही अपनी दुकान लपेटकर चलते बने।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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