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21 वीं सदी का सबसे लंबा चंद्र ग्रहण, खुली आंखों से देख सकेंगे नजारा
लखनऊ: राजधानी के लोग आने वाली 27 जुलाई को एक दुर्लभ खगोलीय घटना के साक्षी बनेंगे। शहरवासियों को 21वीं शाताब्दी का सबसे लम्बा और इस साल का दूसरा चन्द्रग्रहण, मार्स अपोजीशन (सूर्य, पृथ्वी और मंगल का एक सीध में होना) के साथ देखने को मिलेगा। वैज्ञानिकों एवं ज्योतिषियों के मुताबिक यह 21वीं शताब्दी में पड़ने वाला सबसे लम्बा चन्द्र ग्रहण होगा और साथ ही साथ पूरे भारत में दिखाई देगा। इस दौरान चन्द्रमा 3 घंटे 55 मिनट तक धरती की छाया में रहेगा और इसे देखने के लिए किसी खगोलीय दूरबीन की आवश्यकता भी नहीं होगी। ज्योतिषयों का कहना है कि इस दिन गुरु पूर्णिमा भी है ऐसे में ग्रहण के सूतक काल लगने से पहले व्यास-गुरु की पूजा करना श्रेष्ठ होगा ।
इंडिया से लेकर अमेरिका तक दिखेगा चंद्र ग्रहण
गोमतीनगर निवासी आचार्य प्रदीप ने बताया कि 26 जुलाई की रात 9:56 बजे से पूर्णिमा का मान शुरू होगा, जो 27 जुलाई की देर रात 12:32 बजे तक चलेगा । आषाड़ शुक्ल पूर्णिमा को खग्रास अर्थात् पूर्ण चंद्रग्रहण का स्पर्श काशी समयानुसार रात 11 बजकर 54 मिनट पर होगा । ग्रहण का मध्य 1 बजकर 52 मिनट पर होगा और रात 3 बजकर 49 मिनट पर मोक्ष के साथ ग्रहण समाप्त हो जाएगा ।
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, चंद्रग्रहण का सूतक लगभग 9 घंटे पहले यानी लगभग दोपहर 2 बजकर 54 मिनट से शुरू हो जाएगा । दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका, पश्चिम एशिया और मध्य एशिया के कुछ हिस्सों में भी ग्रहण दिखाई देगा ।
दो दिन चलेगा चंद्रग्रहण, लखनऊ में भी देखने को मिलेगा
नक्षत्रशाला के वैज्ञानिक अधिकारी सुमित कुमार श्रीवास्तव बताते हैं कि तकनीकी रूप से चंद्रग्रहण दो दिन चलेगा। 27 जुलाई की रात से शुरू होगा, और रात 12 बजे के बाद तक चलेगा, यानी 28 तारीख लग चुकी होगी।
Newstrack.com से बात करते हुए आगे उन्होंने बताया की यह केवल एक खगोलीय घटना है। इसका हम पर किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होगा। जैसे हम सूर्यग्रहण हो नग्न आखों से नहीं देख सकते क्योंकि उससे निकलने वाली किरणें हमारी आँखों के लिए नुकसानदायक होती हैं, वैसी स्थिति चंद्रग्रहण के साथ नहीं है। लखनऊ में भी चंद्रग्रहण दिखेगा। ऐसे में शहर वासियों को उच्च शक्ति की दूरबीन की सहायता से इस चंद्रग्रहण को दिखाने की तैयारी नक्षत्रशाला की ओर से की जा रही है।
वैज्ञानिक अधिकारी ने बताया कि यह एक अनूठा सहयोग है कि उसी दिन मार्स (मंगल) अपोजीशन भी है। इस दौरान सूर्य, पृथ्वी और मंगल एक सीध में होंगे और पृथ्वी इनके बीच में होगी। जैसे ही सूर्य अस्त होगा, मंगल उदय होगा। इसे भी दूरबीन से दिखाया जाएगा।
इन नियमों का करना होगा पालन
ज्योतिषियों का कहना है कि भोजन, देव-दर्शन, देव-प्रतिमा को स्पर्श करने से बचना श्रेयस्कर होता है। चंद्रग्रहण मेष, सिंह, वृश्चिक और मीन राशि वालों के लिए लाभकारक बताया जा रहा है। जबकि अन्य राशि के जातकों के लिए कष्टप्रद हो सकता है।
धुप्प अँधेरा, ढका रहेगा चाँद
रात 1 बजे से 2:43 बजे तक खग्रास की अवस्था रहेगी। इस बीच चाँद पूरी तरह ढका रहेगा। यही चंद्रग्रहण की बेला होगी।
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