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कश्मीर में आतंकवाद की कमर तोड़ने आ गए मेजर जनरल तुषार शर्मा, संभाली किलो फोर्स की कमान
भारतीय सेना की आतंकवाद विरोधी यूनिट किलो फोर्स को नया नेतृत्व मिला। मेजर जनरल तुषार शर्मा ने GOC पदभार संभालते ही ‘कॉम्बैट रेडीनेस’ पर जोर दिया।
Kilo Force Northern Kashmir News (Image from Social Media)
Kilo Force: भारतीय सेना की सबसे दुर्जेय और आतंकवाद विरोधी यूनिट काउंटर इंसर्जेंसी फोर्स (Kilo Force) को नया नेतृत्व मिल गया है। मेजर जनरल तुषार शर्मा ने शनिवार को औपचारिक रूप से इस महत्वपूर्ण यूनिट के 21वें जनरल ऑफिसर कमांडिंग (GOC) का पदभार ग्रहण कर लिया। उन्होंने मेजर जनरल विवेक नारंग का स्थान लिया है।
NDA के पूर्व छात्र और आतंकवाद विरोधी अभियानों के व्यापक अनुभव वाले मेजर जनरल शर्मा ने कमान संभालते ही 'कॉम्बैट रेडीनेस' को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि उत्तरी कश्मीर में सक्रिय शत्रु ताकतों के नापाक मंसूबों को विफल करने के लिए हर वक्त युद्ध के लिए तैयार रहना महत्वपूर्ण है।
'किलो फोर्स' की पहचान: शांति और बलिदान का प्रतीक
मेजर जनरल शर्मा ने सबसे पहले 'किलो फोर्स' के बहादुर शहीदों को नमन किया। यह यूनिट, जिसका गठन 1 सितंबर 1999 को हुआ था, पिछले 25 वर्षों से उत्तरी कश्मीर के संवेदनशील जिलों—जैसे कुपवाड़ा, बांदीपोरा और बारामूला—में आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष की अगुआई कर रही है।
किलो फोर्स की अटूट प्रतिबद्धता:
नेटवर्क ध्वस्त: यूनिट ने लगातार घुसपैठियों को रोका है और आतंकवादी नेटवर्क को जड़ से उखाड़ने में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। यह केवल गोलीबारी का काम नहीं करती, बल्कि स्थानीय युवाओं को मार्गदर्शन और कल्याणकारी योजनाओं से जोड़कर लोगों का विश्वास जीतने पर भी ज़ोर देती है। नए जीओसी ने सभी सैनिकों से यूनिट की इस समृद्ध विरासत को दृढ़ प्रतिबद्धता और कर्तव्यनिष्ठा से आगे बढ़ाने का आह्वान किया।
मेजर जनरल तुषार शर्मा का नेतृत्व ऐसे समय में आया है, जब सेना उत्तरी कश्मीर में शांति को स्थायी बनाने और आतंकवादी गतिविधियों को शून्य करने के लिए प्रतिबद्ध है। उनका अनुभव 'किलो फोर्स' को नई ऊर्जा और रणनीतिक दिशा प्रदान करेगा।
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