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Manipur Violence: गृह मंत्री अमित शाह ने की उच्च स्तरीय बैठक, 5000 जवानों की मणिपुर में होगी तैनाती
केंद्रीय गृह मंत्रालय का बड़ा फैसला, 50 कंपनियों की मणिपुर में होगी तैनाती, मणिपुर में हालात भयावह
Manipur Violence: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नवंबर 18 को राष्ट्रीय राजधानी में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई और मणिपुर में सुरक्षा स्थिति का आकलन किया। केंद्र सरकार मणिपुर में चुनौतीपूर्ण स्थिति के कारण केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की अतिरिक्त 50 कंपनियों को तैनात करेगी, जिसमें कुल 5,000 से अधिक जवान होंगे।बैठक के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों तथा राज्य पुलिस अधिकारियों को क्षेत्र में शांति एवं व्यवस्था बनाए रखने के भी निर्देश दिए।
मणिपुर में बेकाबू हो रहे हालात
केंद्र सरकार ने हिंसा प्रभावित जिरीबाम सहित मणिपुर के छह पुलिस थाना क्षेत्र में एक बार फिर सशस्त्र बल अधिनियम फिर से लागू कर दिया है. मणिपुर के जिरीबाम में अत्याधुनिक हथियारों से लैस उग्रवादियों द्वारा एक पुलिस स्टेशन और सीआरपीएफ कैंप पर अंधाधुंध गोलीबारी की जिसके जवाब में सुरक्षाबलों ने 11 उग्रवादियों का मार गिराया था। इस घटना के एक दिन बाद उग्रवादियों ने महिलाओं और बच्चों सहित 6 नागरिकों का अपहरण कर लिया था। वहीं सुरक्षाबलों नाजुक हालात को देखते हुए पहाड़ी इलाकों मे सघन तलाशी अभियान छेड़ दिया है। इलाके में आने- जाने वालों पर नजर रखने के लिए 100 से ज्यादे नाके और चेकपोस्ट बनाये गये हैं। इसके अलावा मणिपुर पुलिस ने राजधानी इंफाल में सांसदों और मंत्रियों के घरों मे तोड़फोड़ और आग लगाने के आरोप में 23 लोगों को गिरफ्तार किया है। पिछले साल 3 मई को बीच शुरू हुई जातीय हिंसा में 200 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और 60 हजार लोगों को हिंसा की वजह से अपने-अपने इलाकों से विस्थापित होना पड़ा है।
राजधानी इंफाल में स्कूल-कॉलेज बंद
इंफाल ईस्ट और इंफाल वेस्ट में जारी कर्फ्यू के बीच के बीच मणिपुर सरकार के बीच 19 नवंबर तक फैसला लिया है कि इंफाल में सारे स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे। आदेश को लेकर सरकार ने कहा कि इंफाल जिलाधिकारी द्वारा लगाये गये कर्फ्यू को ध्यान में रखते हुए और जिले के सारे शैक्षणिक संस्थानों को 19 नवंबर तक बंद रखा जाएगा।
तीनों केसों की जांच करेगी एनआईए (NIA)
भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा जांच एजेंसी नवंबर के शुरूआती दो हफ्तों में हुई तीन हिंसक घटनाओं को लेकर अपनी जांच करेगी। इन हिंसा में काफी कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी और बड़ी मात्रा में सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान राज्य को उठाना पड़ा है। गृह मंत्रालय द्वारा एक निर्देश के बाद इन तीनों केसों की जांच तब मणिपुर पुलिस से लेकर एनआईए को दी गई जिसने इस पहाड़ी राज्य में एकबार फिर से हिंसा भड़का दी है।