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PM मोदी की तारीफ पर SC बार एसोसिएशन में बवाल, बुलाई गई आपात बैठक
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरुण शर्मा के एक संबोधन से हंगामा मच गया हैं। इंटरनेशनल जूडिशल कॉन्फ्रेंस में तारीफ के बाद एसी बार एसोसियेशन के प्रेसिंडेंट ने इसपर ऐतराज जताया था। अब इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट बार असोसिएशन में विवाद गहरा गया है।
नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरुण शर्मा के एक संबोधन से हंगामा मच गया हैं। इंटरनेशनल जूडिशल कॉन्फ्रेंस में तारीफ के बाद एसी बार एसोसियेशन के प्रेसिंडेंट ने इसपर ऐतराज जताया था। अब इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट बार असोसिएशन में विवाद गहरा गया है। सुप्रीम कोर्ट बार असोसिएशन के प्रेसिडेंट दुष्यंत दवे को हटाने के लिए बार असोसिएशन के सेक्रेटरी अशोक अरोड़ा ने 11 मई को आपातकालीन जनरल मीटिंग बुलाई है। हालांकि बार प्रेसिडेंट दुष्यंत दवे ने इस मीटिंग को गैरकानूनी बताया है। वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए ये मीटिंग बुलाई गई है।
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पूरा मामला
बता दें कि 22 फरवरी 2020 को सुप्रीम कोर्ट नई बिल्डिंग में इंटरनेशनल जूडिशल कॉन्फ्रेंस के मौके पर न्यायपालिका और बदलता विश्व विषय पर कार्यक्रम हुआ था और इस दौरान पीएम मोदी का संबोधन हुआ। धन्यवाद ज्ञापन के दौरान जस्टिस अरुण मिश्रा ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए उन्हें इंटरनेशनल लेवल का बहुमुखी प्रतिभा के धनी नेता बताया था। इसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ा था और तब सुप्रीम कोर्ट बार असोसिएशन के प्रेसिडेंट दुष्यंत दवे ने पीएम मोदी की इस तरह की गई तारीफ को अनुचित करार दिया था।
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न्यायपालिका के गरिमा के विपरीत
सुप्रीम कोर्ट असोसिएशन से 25 फरवरी को एक प्रस्ताव पारित कर कहा गया था कि जस्टिस का बयान न्यायपालिका के गरिमा के विपरीत है। कुल 410 मेंबरों ने प्रस्ताव पर दस्तखत किए हैं। इसमें 25 फरवरी के प्रस्ताव की निंदा की गई है और उसे वापस लेने का प्रस्ताव है। साथ ही कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट बार असोसिएशन का ऑफिस राजनीतिक अजेंडे के लिए इस्तेमाल नहीं होगा और बार प्रेसिडेंट को उनके पद से हटाने का प्रस्ताव है। वहीं दुष्यंत दवे ने कहा है कि
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