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अमर सिंह ने कहा- अखिलेश की साइकिल को हाथ भी चाहिए, हाथी भी, पिता के हाथ से सत्ता भी
नई दिल्ली: यूपी विधानसभा चुनाव का नतीजा अभी आना बाकी है, लेकिन उससे पहले अखिलेश यादव ने सरकार बनाने के लिए मायावती की तरफ हाथ बढ़ाया है। यूपी के सीएम अखिलेश यादव की इन कोशिशों पर अब सांसद अमर सिंह ने अपनी ही अंदाज में प्रतिक्रिया दी है।
एग्जिट पोल के नतीजों पर प्रतिक्रिया देते हुए अमर सिंह ने कहा, 'साइकिल को हाथ भी चाहिए, हाथी भी, बाप के हाथ से सत्ता भी चाहिए, संगठन भी चाहिए। सपा के वर्तमान सुप्रीमो को सब कुछ चाहिए, लेकिन सत्ता हाथ से नहीं जानी चाहिए। ये बहुत हताशा, निराशा और अस्थिरता की स्थिति है और इसका अंजाम बहुत बुरा होगा।' अमर सिंह ने ये बातें 'आज तक' से बातचीत में कही।
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अखिलेश कुछ भी प्रलाप कर देते हैं
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती से सपा के हाथ मिलाने की संभावना पर अमर सिंह ने कहा, 'अखिलेश को ये नहीं भूलना चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट में अब भी उनके पिता और मायावती के बीच गेस्ट हाउस कांड का मुकदमा चल रहा है। उसके नतीजे कुछ भी आ सकते हैं। उन नतीजों से बेपरवाह, बेखबर कुछ भी प्रलाप कर देते हैं।'
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पारिवारिक कलह थी अखिलेश की मज़बूरी
अमर सिंह बातचीत में कहा, अखिलेश ने एक अखबार से बात करते हुए तो यहां तक कह दिया था कि यदि घर में विवाद ना हुआ होता, तो वह कांग्रेस से हाथ भी नहीं मिलाते।
प्रदेश में ना आए त्रिशंकु विधानसभा
यूपी विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद की स्थिति पर अमर बोले, कि हो सकता है कि प्रदेश में एक बार फिर समाजवादी पार्टी की सरकार बने या अन्य कोई दल बहुमत के साथ सरकार बनाए। चाहे जिसकी भी सरकार बने वो पूर्ण बहुमत से बने। प्रदेश में त्रिशंकु विधानसभा नहीं आनी चाहिए।
बीजेपी-बसपा में पहले भी हो चुका है सियासी निकाह
अमर से जब ये पूछ गया कि क्या ऐसा भी हो सकता है कि बीजेपी और बसपा हाथ मिलाकर सरकार बना ले? इस पर अमर सिंह ने कहा, 'इस पर मैं क्या कह सकता हूं। दोनों के बीच परंपरागत संबंध रहे हैं। एक-दो बार नहीं, बल्कि तीन-तीन बार। दोनों के बीच सियासी निकाह हो चुका है। हमें वह नजारा भी याद है।'
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