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कश्मीर में ऐलान: मोदी सरकार इनको देंगी ये बड़ी सुविधाएं
सेब उत्पादकों से सेब खरीदने के लिए राज्य प्रशासन 10 सितंबर को एक नई योजना शुरु करने जा रही है। इससे सेब की खेती करने वाले किसानों को बड़ी राहत मिल सकती है।
नई दिल्ली: सेब उत्पादकों से सेब खरीदने के लिए राज्य प्रशासन 10 सितंबर को एक नई योजना शुरु करने जा रही है। इससे सेब की खेती करने वाले किसानों को बड़ी राहत मिल सकती है। इस योजना का इस्तेमाल किसानों को सेब की बेहतर कीमत दिलवाने के लिए किया जाएगा, जिससे उन किसानों की आमदनी में बढ़ोत्तरी हो सके। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नाफेड(NAFED), बाजार हस्तक्षेप योजना की 10 सितंबर को घोषणा कर सकता है। इस योजना के तहत करीब 7 लाख किसानों को फायदा मिल सकती है। बता दें कि कश्मीर में देश के 70 प्रतिशत सेब का उत्पादन होता है।
इन चीजों की होती है सबसे ज्यादा खेती-
इसके अतिरिक्त 91 प्रतिशत अखरोट, 90 प्रतिशत बादाम, 90 प्रतिशत चेरी और 90 प्रतिशत केसर का उत्पादन कश्मीर से ही होता है।
इनका एक साल का मूल्य करीब 7 हजार करोड़ रुपये है। कश्मीर में हर साल खेती में 23.535 मीट्रिक टन की पैदावर होती है। इनमें से 20.35 लाख मीट्रिक टन फलों का योगदान होता है।
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इसके अतिरिक्त 2.80 लाख मीट्रिक टन योगदान सूखे फलों का है। बता दें कि साल 2016-17 में बागवानी क्षेत्र के सेब के बगीचे और अन्य के तहत करीब 7.71 करोड़ रुपये का रोजगार दिया था।
कश्मीर में बागवानी उद्योग करीब 7,000 करोड़ रुपये का है, जिसमें सेब की पैदावर सबसे अधिक है।
7 लाख किसानों को मिलेगी मदद-
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सात लाख से ज्यादा किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ को सेब के कुल उत्पादन के आधे से ज्यादा हिस्सा को खरीदने के लिए अपने साथ जोड़ा हुआ है।
इस योजना से कश्मीर के उत्पादकों को भारी मात्रा में फायदा मिलेगा। सेब के खरीद के प्रक्रिया को अंतिम रुप देने के लिए नाफेड की टीम यहां पहुंच चुकी है।
पहले चरण में श्रीनगर, सोपोर और शोपियां के सेब की होगी खरीद-
इसके पहले चरण में श्रीनगर, सोपोर और शोपियां के सेब की खरीद होगी। किसानों को उनके फसल का भुगतान उनके आधार कार्ड के नंबर के मुताबिक बैंकों में स्थानांतरित किया जाएगा।
4 सितंबर को श्रीनगर के डिप्टी कमीश्नर शाहिद इकबाल चौधरी परिमपोरा ने फल मंडी का दौरा किया और तैयारियों का जायजा लिया था।
उन्होंने कहा कि नाफेट द्वारा सभी फलों को उनका बेहतर मूल्य प्रदान किया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि इससे किसानों की आय में वृद्धि होगी।
जेएंडके हॉर्टिकल्चर प्ला निंग और मार्केटिंग बोर्ड से नाफेड को कार्यालय और खरीद के लिए बेहतर संसाधन उपलब्ध कराने के निर्देश दे गए हैं। संबंधित विभागों को मंडी में बिजली और पानी की आपूर्ति का ख्याल रखने का भी निर्देश मिला है।
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