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NIA Kya Hai: क्यों आतंकियों का काल है एनआईए, कैसे जुड़ें इससे और कितनी है सैलरी, यहां देखें पूरी जानकारी
NIA Ka Kam Kya Hai: NIA यानी नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी, भारत सरकार की प्रमुख आतंकवाद-रोधी जांच एजेंसी है। इसकी स्थापना 2009 में NIA अधिनियम के अंतर्गत की गई थी।
NIA Ka Kam Kya Hai
NIA Kya Hai: “जब देश पर आता है संकट, तब NIA बनती है उसकी सबसे बड़ी ढाल।" जब देश की धरती पर कोई धमाका होता है, जब बेगुनाहों की जान आतंक के साये में जाती है, तब पूरा देश आक्रोशित होता है और तब एक एजेंसी को जिम्मेदारी दी जाती है सच का चेहरा उजागर करने की, वह नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) को। ये वो संस्था है, जो गुमनाम रहते हुए भी आतंकवाद की सबसे खतरनाक परतों को बेनकाब करती है। NIA आतंकवाद के खिलाफ भारत की सबसे मजबूत दीवार है। अगर आप भी जानना चाहते हैं कि NIA क्या है, कैसे काम करती है, इसमें नौकरी कैसे मिलती है और सैलरी कितनी होती है तो यह लेख आपके लिए है। जानिए आतंक की जड़ों तक पहुंचने वाली देश की सबसे भरोसेमंद जांच एजेंसी के बारे में सबकुछ -
क्या है NIA (National Investigation Agency)
NIA यानी नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी, भारत सरकार की प्रमुख आतंकवाद-रोधी जांच एजेंसी है। इसकी स्थापना 2009 में NIA अधिनियम के अंतर्गत की गई थी। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है और इसके क्षेत्रीय कार्यालय हैदराबाद, मुंबई, लखनऊ, कोच्चि, गुवाहाटी, जम्मू समेत कई शहरों में हैं।
स्थापना का कारण:
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA - National Investigation Agency) का गठन भारत सरकार द्वारा 31 दिसंबर 2008 को किया गया था। इसका गठन मुंबई में 26/11 आतंकवादी हमलों के बाद किया गया, जिनमें अनेक निर्दोष नागरिकों की जान गई और देश की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगे।
गठन की प्रक्रिया:
1. मुंबई हमले (26/11, 2008) के बाद यह महसूस किया गया कि भारत को एक विशेष जांच एजेंसी की आवश्यकता है जो आतंकवाद और उससे जुड़े अपराधों की प्रभावी जांच कर सके।
2. केंद्र सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए “राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण विधेयक, 2008” को संसद में प्रस्तुत किया।
3. यह विधेयक संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित किया गया और राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद 31 दिसंबर 2008 को यह अधिनियम बना।
4. इसके बाद NIA को औपचारिक रूप से 2009 में कार्यान्वित किया गया।
उद्देश्य:
• आतंकवादी गतिविधियों की स्वतंत्र, निष्पक्ष और तेज़ जांच।
• विभिन्न राज्यों में फैले संगठित अपराधों और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों पर कार्रवाई।
• भारत की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एक केंद्रीकृत जांच तंत्र उपलब्ध कराना।
NIA कैसे करती है काम
NIA को भारत के किसी भी राज्य में बिना अनुमति के जांच करने का विशेषाधिकार प्राप्त है। इसका कार्यक्षेत्र निम्नलिखित प्रकार से फैला होता है:
1. Scheduled Offences की जांच:
NIA को केवल उन्हीं मामलों की जांच का अधिकार होता है, जो NIA अधिनियम में सूचीबद्ध अपराधों में आते हैं, जैसे:
आतंकवाद
नकली करेंसी
ड्रग ट्रैफिकिंग जो आतंकी संगठनों से जुड़ा हो
हथियारों की तस्करी
साइबर टेररिज्म आदि।
2. स्वतः संज्ञान और राज्य सरकार की अनुशंसा:
केंद्र सरकार सीधे केस NIA को सौंप सकती है। राज्य सरकार की सिफारिश पर भी NIA जांच कर सकती है।
3. जांच प्रक्रिया:
जांच प्रक्रिया के तहत केस रजिस्ट्रेशन, खुफिया जानकारी के आधार पर छापेमारी, डिजिटल और फॉरेंसिक जांच, आरोपियों की गिरफ्तारी, चार्जशीट दाखिल और विशेष NIA कोर्ट में ट्रायल आदि।
NIA में नौकरी कैसे मिलेगी और कितनी होती है सैलरी
NIA में अधिकतर भर्तियाँ डेप्युटेशन बेसिस पर होती हैं। यानी पहले से केंद्र या राज्य की पुलिस, CBI, CRPF, BSF, ITBP, CISF जैसी एजेंसियों में काम कर रहे अधिकारी ही इसमें भेजे जाते हैं। इन अधिकारियों को अनुभव, कार्य निष्पादन और अनुशंसा के आधार पर NIA में प्रतिनियुक्त किया जाता है।
हालांकि, समय-समय पर NIA कुछ पदों के लिए प्रत्यक्ष भर्ती भी करती है, जैसे कि सब-इंस्पेक्टर, असिस्टेंट, स्टेनोग्राफर, तकनीकी विशेषज्ञ (फॉरेंसिक, साइबर क्राइम, डाटा एनालिस्ट आदि)। इसके लिए शैक्षणिक योग्यता आमतौर पर स्नातक या तकनीकी डिग्री होती है, साथ ही संबंधित क्षेत्र में कुछ वर्षों का अनुभव आवश्यक होता है। इन भर्तियों की जानकारी NIA की आधिकारिक वेबसाइट (www.nia.gov.in) और रोजगार समाचार में प्रकाशित होती है।
सैलरी की बात करें तो NIA में वेतन 7वें वेतन आयोग के अनुसार तय होता है। उदाहरण के लिए, सब-इंस्पेक्टर को लगभग ₹50,000 से ₹65,000 मासिक वेतन मिलता है, वहीं इंस्पेक्टर को ₹60,000 से ₹75,000 तक, और डिप्टी एसपी स्तर के अधिकारी को ₹75,000 से ₹1,00,000 या उससे अधिक भी वेतन मिल सकता है। इसके अलावा हाउस रेंट अलाउंस (HRA), फील्ड ड्यूटी अलाउंस, ट्रैवलिंग अलाउंस, मेडिकल और अन्य भत्ते भी शामिल होते हैं, जो कुल मिलाकर इस सेवा को न सिर्फ प्रतिष्ठित, बल्कि आर्थिक रूप से भी आकर्षक बनाते हैं।
NIA क्यों है ख़ास
90% से अधिक Conviction Rate:
NIA द्वारा दायर अधिकांश मामलों में दोष सिद्ध होता है।
हाई-प्रोफाइल मामलों की जांच:
पठानकोट हमला, उरी अटैक, श्रीलंका धमाके से जुड़े लिंक आदि।
हाई रिस्क और हाई रिवार्ड जॉब:
यहां काम करना चुनौतीपूर्ण जरूर है। लेकिन देश की सेवा करने का गर्व इससे बड़ा कोई पुरस्कार नहीं।
NIA से जुड़ने का सपना क्यों देखें
अगर आप देशभक्ति को केवल भावना नहीं, कर्म में बदलना चाहते हैं, अगर आपके भीतर आतंक और अन्याय के खिलाफ लड़ने की ललक है, तो NIA एक शानदार मंच है। यहां काम करने वाले अफसरों को सिर्फ सैलरी नहीं, बल्कि देश के करोड़ों नागरिकों की सुरक्षा का भरोसा मिलता है। NIA केवल एक जांच एजेंसी नहीं, बल्कि भारत की सुरक्षा का अभेद्य कवच है। आतंकवाद, संगठित अपराध और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के खिलाफ यह एजेंसी जिस दक्षता और निष्ठा से काम करती है, वह इसे देश की सबसे विशिष्ट संस्थाओं में शामिल करता है। यदि आपके भीतर भी देश की सेवा करने का जज़्बा है और आप चुनौतियों से पीछे नहीं हटते, तो NIA आपके लिए एक सुनहरा अवसर है। यहां नौकरी सिर्फ करियर नहीं, बल्कि एक मिशन है...भारत को सुरक्षित और मजबूत बनाने का।