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नीतिश के खिलाफ पार्टी में फिर उठे बगावती सुर: दो विधायकों ने खोला मोर्चा
बिहार में नीतिश कुमार के नेतृत्व में चल रही जदय और बीजेपी की सरकार में अब बगावती सुर तेज होने लगे हैं । जदयू के नेताओं ने दलितों के मामले में सीएम
पटना: बिहार में नीतिश कुमार के नेतृत्व में चल रही जदय और बीजेपी की सरकार में अब बगावती सुर तेज होने लगे हैं । जदयू के नेताओं ने दलितों के मामले में सीएम नीतिश की नीति और नीयत पर सवाल उठाया है।
जदयू नेता व बिहार के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी और श्याम रजक ने आरक्षण व दलितों के मुद्दे पर नीतीश सरकार के नियत और नीति पर सवाल उठाया और कहा कि सरकार इन वर्गो के विकास के लिए ध्यान नहीं दे रही है।
उदय नारायण चौधरी ने बुधवार को कहा कि कि कलम और कागज के साथ पावर भी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के हाथ में हैं लेकिन मैं अपनी आवाज और दलित-महादलितों की आवाज को उठाउंगा। उन्होंने शरद यादव की तरफदारी करते हुए कहा कि उनके साथ हमने 18 साल तक काम किया है।
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जब शरद यादव के साथ जाना होगा तो सब के साथ जाउंगा। चौधरी के तेवर से साफ हैं कि उन्हें कार्रवाई की कोई चिंता नहीं है।
वहीं, पार्टी के एक और विधायक तथा महासचिव श्याम रजक ने संवाददाता सम्मेलन कर कहा कि वंचित समाज को मुख्य धारा में लाने का डॉ भीमराव अंबेडकर और महात्मा गांधी का जो सपना था, वह देश की आजादी के सात दशक बाद भी पूरा नहीं सका है। वंचित समाज आज भी कूड़े के ढेर से अनाज चुनकर पेट की भूख मिटा रहा है। उन्होंने कहा कि वो सरकार की मंशा पर टिप्पणी नहीं कर रहे हैं, मगर जिनको नीति लागू करनी है उनकी नीयत में खोट है। शासन में जो लोग हैं उनकी जिम्मेदारी थी। इन लोगों को समाज की मुख्यधारा में लाने की।
दूसरी ओर जेडीयू ने बागी तेवर दिखा रहे उदय के खिलाफ कार्रवाई करने के संकेत दे दिये हैं। मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि किसी भी नेता को पार्टी लाइन से बाहर नहीं जाना चाहिये। प्रदेश अध्यक्ष के स्तर पर ये बात गई है और उचित फैसला लिया जाएगा।
आरक्षण को लेकर सार्वजनिक रूप से पार्टी लाइन से अलग बयान जारी करने पर नाराजगी जताते हुए जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि उन्हें अपनी बात पार्टी के फोरम पर रखनी चाहिए। सिंह ने कहा कि उनकी नाराजगी हो सकती है, लेकिन वे नीतीश कुमार की कार्यशैली के कायल रहे हैं।पार्टी ने बयान को गंभीरता से लिया है।
उदय नारायण चौधरी की इस बात पर हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि वे उस समय कहां थे, जब उनके साथ भेदभाव किया जा रहा था।
वहीं बिहार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक चौधरी ने इस मामले में कहा कि जब उदय नारायण चौधरी विधान सभा के अध्यक्ष थे, तब क्यों नहीं उठाया था ये मामला। श्याम रज़क ने मंत्री और विधायक रहते क्यों नहीं उठाया सदन में दलितों का मामला।
नीतीश कुमार महादलित विकास मिशन का गठन कर दलितों के विकास के लिए काम कर रहे है।
जदयू में बगावत के बीच राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने बागी नेताओं की तारीफ करते हुए दोनों नेताओं उदय नारायण चौधरी और श्याम रजक का समर्थन किया है। कहा कि श्याम रजक और उदय नरायण चौधरी बिल्कुल सही बोलते हैं। नीतीश सरकार दलितों और वंचितों की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। पलटू राम यानी नीतीश कुमार आरक्षण विरोधी हैं और वो दलितों-वंचितों की आवाज नहीं सुनते।
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