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पाकिस्तान में ओवैसी जैसा हैंडसम कोई नहीं! दूल्हा भाई को लेकर बोली बड़ी बात, तंज में हिल गई शहबाज सरकार!
ओवैसी ने कहा कि सांसद विदेशों में जाकर भारत का पक्ष मजबूती से रखेंगे और बताएंगे कि पड़ोसी देश किस तरह देश को अस्थिर करना चाहता है। उन्होंने कहा, “भारत कोई छोटा देश नहीं है। यह दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। अगर यहां अस्थिरता फैलेगी, तो वैश्विक स्तर पर उसका असर होगा।”
Bumper voting in Muslim-majority seats, Owaisi challenges AAP, Congress (Photo: Social Media)
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर का खुलकर समर्थन किया है।जब पाकिस्तान समर्थकों की ओर से हो रहे हमलों पर ओवैसी से सवाल किया गया तो उन्होंने चुटीले अंदाज़ में कहा, "आजकल तो हम पाकिस्तान के दुल्हे भाई बन गए हैं। वहां अब कोई बचा ही नहीं, सिर्फ हम ही रह गए हैं। इतना बेबाक और हैंडसम कोई बचा नहीं वहां। अब तो हम ही हैं, देखते रहो प्यारे, सुनते रहो, इससे तुम्हारा ज्ञान बढ़ेगा। तुम्हारे दिमाग में जो भूसा भरा है, वह भी साफ हो जाएगा।
भारतीय सेना को धन्यवाद देता हूं
पत्रकारों से बातचीत के दौरान ओवैसी ने कहा, “भारतीय सेना को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने जवाबी कार्रवाई में आतंक के अड्डों को नेस्तनाबूद कर दिया। देश में जो आतंकी घटनाएं हो रही हैं, उन्हें लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को सच बताना जरूरी है। भारत हमेशा से आतंकवाद के खिलाफ खड़ा रहा है और पाकिस्तान बार-बार हमारी शांति को भंग करने की कोशिश करता है।”
यह पहला मौका नहीं है
ओवैसी ने कहा कि विदेश में भेजे जाने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य भी यही है कि दुनिया को बताया जाए कि पाकिस्तान किस तरह भारत में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने कहा, “यह पहला मौका नहीं है, अटल बिहारी वाजपेयी के शासन में भी ऐसा प्रतिनिधिमंडल गया था और 2008 में 26/11 के बाद भी डॉ. मनमोहन सिंह सरकार ने यही किया था।” उन्होंने पाकिस्तान पर तंज कसते हुए कहा, “पाकिस्तान झूठ की नींव पर बना है। वे न्यूक्लियर बम की धमकी देते हैं, लेकिन दुनिया को समझना चाहिए कि केवल धमकियों से कुछ नहीं होता। ईरान और इजरायल के पास भी न्यूक्लियर बम हैं, लेकिन वे क्या रुकते हैं? पाकिस्तान केवल डर फैलाने की कोशिश कर रहा है।”
ओवैसी ने कहा कि सांसद विदेशों में जाकर भारत का पक्ष मजबूती से रखेंगे और बताएंगे कि पड़ोसी देश किस तरह देश को अस्थिर करना चाहता है। उन्होंने कहा, “भारत कोई छोटा देश नहीं है। यह दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। अगर यहां अस्थिरता फैलेगी, तो वैश्विक स्तर पर उसका असर होगा।”
उन्होंने कश्मीर में आम नागरिकों और सेना के जवानों की जान जाने पर दुख जताया और कहा, “पुंछ में मासूम बच्चों की मौत हुई, आर्मी के जवान शहीद हुए, आम लोगों की जान गई। इन सब बातों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाना होगा।”
तालिबान तक ने पहलगाम हमले की निंदा की
चाबहार बंदरगाह को लेकर उन्होंने कहा कि भारत अब पाकिस्तान को बाइपास करके अफगानिस्तान तक पहुंच बना रहा है। “तालिबान तक ने पहलगाम हमले की निंदा की। टर्की को भी समझना चाहिए कि भारत में करोड़ों मुसलमान रहते हैं और भारत आतंकवाद का विरोध करता है। टर्की खुद आतंकवाद का शिकार रहा है, उसे भारत के नजरिए को समझना चाहिए।”
सीजफायर के मुद्दे पर ओवैसी ने अमेरिका पर सवाल उठाया और कहा कि युद्धविराम की घोषणा भारत के प्रधानमंत्री को करनी चाहिए, किसी अन्य देश के राष्ट्रपति को नहीं। उन्होंने अमेरिका और पाकिस्तान के व्यापार संबंधों को लेकर तंज कसते हुए कहा, “पाकिस्तान से अमेरिका का केवल 10 बिलियन डॉलर का व्यापार है, जबकि भारत से 150 बिलियन डॉलर से ज्यादा। क्या हम केवल व्यापार के लिए अपनी आवाज बंद कर लें?” ओवैसी ने यह भी कहा कि अमेरिका को पाकिस्तान समर्थित टीआरएफ को आतंकवादी संगठन घोषित करना चाहिए और भारत सरकार को भी इस मुद्दे पर अमेरिका से सख्ती से बात करनी चाहिए।