OBC Reservation: एमपी में फिर गरमाया ओबीसी आरक्षण का मुद्दा, सुप्रीम कोर्ट में शुरू हुई अहम सुनवाई

OBC Reservation: गौरतलब है कि 2019 में तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने ओबीसी आरक्षण को 14% से बढ़ाकर 27% किया था। इसे लेकर अध्यादेश लाया गया था और विधानसभा से भी पारित हुआ था, लेकिन बाद में हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी।

Newstrack          -         Network
Published on: 21 April 2025 8:26 PM IST
OBC Reservation: एमपी में फिर गरमाया ओबीसी आरक्षण का मुद्दा, सुप्रीम कोर्ट में शुरू हुई अहम सुनवाई
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Supreme Court  (photo: social media )

OBC Reservation: मध्य प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के मुद्दे पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुयान की पीठ ने सरकार द्वारा दायर की गई सभी 52 ट्रांसफर पिटीशन स्वीकार कर लीं। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि वह उन मामलों की भी सुनवाई करेगी जिनमें चयनित उम्मीदवारों की नियुक्ति को होल्ड पर रखा गया है।

कोर्ट ने सभी संबंधित केसों को एक साथ सुनने का आदेश दिया है, जिन्हें अब रिट याचिका (सिविल) संख्या 423/2019 के साथ जोड़ा जाएगा। यह फैसला राज्य में लंबे समय से चल रहे ओबीसी आरक्षण विवाद में एक बड़ा मोड़ माना जा रहा है।

सरकार का स्पष्ट रुख: आरक्षण हर हाल में मिलेगा

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कोर्ट की कार्यवाही के बाद बयान जारी कर कहा कि उनकी सरकार ओबीसी को 27% आरक्षण देने के पक्ष में मजबूती से खड़ी है। उन्होंने कहा, "हम सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की भावना से काम कर रहे हैं।" मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि रिपोर्ट बीजेपी सरकार के समय की है और इसका पुनर्मूल्यांकन किया जा रहा है। साथ ही कोर्ट में याचिका लगाने वालों से बातचीत की जाएगी।

राजनीति भी गर्माई

इस मुद्दे पर विपक्ष भी पूरी तरह सक्रिय है। कांग्रेस और ओबीसी महासभा सरकार पर हमलावर हैं। कांग्रेस का आरोप है कि सरकार इस मुद्दे पर गंभीर नहीं है, जबकि सीएम मोहन यादव ने पलटवार करते हुए कांग्रेस को पहले "अपने गिरेबान में झांकने" की सलाह दी है।

गौरतलब है कि 2019 में तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने ओबीसी आरक्षण को 14% से बढ़ाकर 27% किया था। इसे लेकर अध्यादेश लाया गया था और विधानसभा से भी पारित हुआ था, लेकिन बाद में हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी। अब सभी केस सुप्रीम कोर्ट में एक साथ सुने जाएंगे। आने वाले समय में यह फैसला मध्य प्रदेश की सामाजिक और राजनीतिक दिशा को तय करने में अहम भूमिका निभा सकता है।

Shivam Srivastava

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Shivam Srivastava is a multimedia journalist.

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