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महिलाओं के लिए मेट्रो और बसों में मुफ्त यात्रा का प्रस्ताव: केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल सरकार की इस घोषणा को विपक्ष ने अगले साल के शुरूआत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ‘‘लोकलुभावन’’ और लोगों को ‘‘गुमराह’’ करने वाला फैसला बताया है ।
नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने सार्वजनिक परिवहन बसों और मेट्रो ट्रेनों में महिला यात्रियों के लिए मुफ्त यात्रा की सुविधा प्रदान करने का प्रस्ताव किया है जिसे विपक्ष ने विधानसभा चुनाव से पहले जनता को गुमराह करने वाला कदम करार दिया है।
अरविंद केजरीवाल सरकार की इस घोषणा को विपक्ष ने अगले साल के शुरूआत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ‘‘लोकलुभावन’’ और लोगों को ‘‘गुमराह’’ करने वाला फैसला बताया है ।
केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार सब्सिडी उपलब्ध कराएगी जो लगभग 700 से 800 करोड़ रुपया होगी और इस प्रस्ताव को 2-3 महीनों में लागू किया जाएगा।
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उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा,‘‘दिल्ली मेट्रो को भी साथ में लिया गया है । मैंने उनसे एक हफ्ते में विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है ।’’
इस घोषणा पर दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन ने टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है ।
दिल्ली मेट्रो में केंद्र और दिल्ली सरकार की 50-50 फीसदी की हिस्सेदारी है । व्यवस्था के अनुसार दिल्ली सरकार अगर कोई योजना लागू करती है तो इसे केंद्र सरकार को सूचित करना होगा अथवा इसकी मंजूरी लेनी होगी ।
आधिकारिक सूत्र ने बताया कि दिल्ली सरकार को उपराज्यपाल के पास इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए भेजना होगा क्योंकि केंद्र की दिल्ली मेट्रो में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी है । उन्होंने यह भी कहा कि यह स्पष्ट है कि इस कदम से इस योजना के समक्ष बाधायें आयेंगी क्योंकि यह कितना व्यवहारिक है इसका पता लगाना अभी बाकी है ।
दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने दिल्ली सरकार के इस कदम को ‘‘लोकलुभावन’’ करार दिया है और कहा है कि ऐसा लगता है कि केजरीवाल मानसिक संतुलन खो बैठे हैं और इसलिए आसन्न विधानसभा चुनाव को देखते हुए इस तरह की घोषणा कर रहे हैं ।
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तिवारी ने आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी जो जनाधार खो चुकी है उसे वह वापस लाने का प्रयास कर रहे हैं ।
तिवारी ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हम इस कदम का विरोध नहीं करते हैं लेकिन यह विधानसभा चुनाव से प्रेरित है । यह केजरीवाल का एक और वादा है जो लोगों को भ्रमित करने वाला है ।’’
तिवारी ने कहा कि दिल्ली के ‘घोषणा मंत्री’ ने दिल्ली के लोगों से एक और झूठी घोषणा की है और यह वो लोग हैं जिनके ऊपर नाकामी का ठप्पा लगा हुआ है।
भाजपा नेता ने कहा कि सत्ता में आते ही इस घोषणा मंत्री ने 70 वायदे किए और दिल्ली को नम्बर एक बनाने का सपना दिल्ली के लोगों को दिखाया लेकिन विकास के मॉडल पर तो नम्बर एक दिल्ली को बना नहीं पाये हां प्रदूषण में दिल्ली को नम्बर एक जरूर बना दिया है।
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उन्होंने कहा कि 52 महीने दिल्ली सरकार के बीत जाने के बाद बचे हुये 8 महीनों में अचानक इन्हें दिल्ली की सत्ता से अपनी जमीन खिसकते हुये नजर आ रही है क्योंकि दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर मिली करारी हार के बाद इन्हें समझ आया है कि दिल्ली के लोग सिर्फ काम के आधार पर वोट देते है और जो काम नहीं करते उन्हें नकार देते है।
(भाषा)
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