'PM के भाई, लेकिन आम इंसान!' मोदी के जन्मदिन के अवसर पर 'चचेरे भाई' ने कही बड़ी बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 75वां जन्मदिन वडनगर में धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर उनके चचेरे भाई भरतभाई और अशोकभाई मोदी ने सादगी भरे जीवन और आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश की।

Harsh Srivastava
Published on: 17 Sept 2025 4:48 PM IST
PM के भाई, लेकिन आम इंसान! मोदी के जन्मदिन के अवसर पर चचेरे भाई ने कही बड़ी बात
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PM Modi 75th Birthday: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 75वां जन्मदिन उनके गृहनगर वडनगर में धूमधाम से मनाया गया। गुजरात के मेहसाणा जिले के इस छोटे से शहर में लोगों ने अपने 'बेटे' के जन्मदिन को यादगार बनाने के लिए रक्तदान शिविर, नेत्र जांच कैंप और प्रार्थना सभाओं का आयोजन किया। लेकिन इस जश्न के बीच सबसे ज्यादा चर्चा का विषय प्रधानमंत्री के वो दो चचेरे भाई हैं, जो आज भी वडनगर में सादगी भरा जीवन जी रहे हैं। ये भाई अपने रिश्ते को भुनाने के बजाय, अपने दम पर जीवन की राह पर चल रहे हैं, जो पीएम मोदी के आदर्शों को भी दर्शाता है।

'पीएम' के भाई, लेकिन 'आम' इंसान

प्रधानमंत्री मोदी के पिता दामोदरदास मोदी के छोटे भाई स्वर्गीय नरसिंहदास मोदी के बेटे भरतभाई मोदी और अशोकभाई मोदी आज भी वडनगर में रहते हैं। 65 वर्षीय भरतभाई किराए के एक छोटे से मकान में किराने की दुकान चलाते हैं, जबकि 61 वर्षीय अशोकभाई अपनी छोटी सी दुकान में धार्मिक और मौसमी सामान बेचते हैं और लगभग 5,000 रुपये प्रति माह कमाते हैं। दोनों भाइयों ने अपना पूरा जीवन वडनगर में बिताया है। शहर में लगभग हर कोई जानता है कि ये दोनों प्रधानमंत्री मोदी के चचेरे भाई हैं, लेकिन उन्होंने कभी भी इस रिश्ते का फायदा उठाने की कोशिश नहीं की।

भरतभाई ने कहा, "हम सभी को गर्व है कि नरेंद्रभाई मोदी जैसे व्यक्ति का जन्म मोदी परिवार में हुआ। मैं उन्हें जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। मैं प्रार्थना करता हूं कि वह और अधिक सफलता प्राप्त करें और देश को आगे ले जाएं।" उन्होंने यह भी कहा कि अगर कभी ट्रैफिक पुलिस उनकी मोटरसाइकिल रोकती है, तो वे अपनी पहचान बताकर प्रभाव जमाने के बजाय विनम्रता से जुर्माना भर देते हैं।

'संघर्ष' और 'सपना'

अशोकभाई ने भी कहा कि मामूली कमाई के बावजूद उन्होंने कभी प्रधानमंत्री मोदी से कोई मदद नहीं मांगी। उन्होंने कहा, "हालांकि मैं हर महीने केवल 5,000 रुपये कमाता हूं, लेकिन मैंने कभी मोदी से किसी भी तरह की मदद मांगने के बारे में नहीं सोचा।" यह दिखाता है कि दोनों भाई अपने जीवन में आत्मनिर्भरता को कितना महत्व देते हैं।

वडनगर के ही निवासी और प्रधानमंत्री के बचपन के दोस्त दशरथभाई पटेल ने एक और दिलचस्प बात बताई। उन्होंने कहा कि मोदी ने 1969 में ही गुजरात का मुख्यमंत्री बनने का सपना देखा था, यानी उनके मुख्यमंत्री बनने से तीन दशक से भी ज्यादा पहले। उन्होंने याद किया कि कैसे मोदी वडनगर रेलवे स्टेशन पर अपने पिता की चाय की दुकान पर काम करते थे और स्कूल के दिनों में ट्रेन के डिब्बों में जाकर चाय बेचा करते थे। यह कहानी सिर्फ एक प्रधानमंत्री के जन्मदिन की नहीं है, बल्कि एक ऐसे परिवार की है जो सादगी और स्वाभिमान के साथ जीना जानता है, और एक ऐसे दोस्त की है जिसने एक साधारण चाय वाले में मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री बनने का सपना देखा था।

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Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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