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25 मिनट तक चला 'ऑपरेशन सिन्दूर', भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताई पूरी ब्रीफिंग
Operation Sindoor: ऑपरेशन सिन्दूर को लेकर प्रेस ब्रीफिंग शुरू हो गई है।
Operation Sindoor
Operation Sindoor: भारतीय सेना द्वारा आज देर रात 1 बजाकर 5 मिनट पर पाकिस्तान और पीओके में एयर स्ट्राइक की गई। एयर स्ट्राइक का उद्देश्य पाकिस्तान में रह रहे आतंवादी और उनके ठिकानों को ध्वस्त करना था। आज के एयर स्ट्राइक को ऑपरेशन सिन्दूर नाम दिया गया था। यह हमला मुख्य रूप से 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला लेने के लिए किया गया था। ऑपरेशन सिन्दूर में 9 आतंकवादी ठिकानों को ध्वस्त कर गया। जिसमें मुख्य रूप से लश्कर, जैश और हिज्बुल के ठिकाने थे।
देर रात हुए एयर स्ट्राइक को लेकर दिल्ली में MEA की प्रेस ब्रीफिंग की गई। जिसमें ऑपरेशन सिन्दूर के सफलता पूर्वक लॉन्चिंग को लेकर पूरी डिटेल दी गई। यह प्रेस फ्रीफ़िंग भारतीय सेना, वायुसेना और विदेश मंत्रालय द्वारा की जा रही है। जिसमें विदेश सचिव विक्रम मिस्री के साथ विंग कमांडर व्योमिका सिंह और भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी थी।
विदेश सचिव ने क्या कहा
भारत ने कहा है कि "ऑपरेशन सिंदूर" के जरिये भारत ने आतंकी बुनियादी ढांचे को नष्ट करने के अपने अधिकार का प्रयोग किया है। भारतीय सेना ने विशेष हथियारों का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान में चार ठिकानों - बहावलपुर, मुरीदके, सियालकोट और सरजाल - और पीओके में पांच ठिकानों को निशाना बनाया।
पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने के बारे में जानकारी देते हुए विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बताया कि आज सुबह भारत ने आतंकी ढांचे को नष्ट करने के अपने अधिकार का प्रयोग किया। उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले के अपराधियों और योजनाकारों को न्याय के कटघरे में लाना जरूरी समझा गया था क्योंकि एक पखवाड़ा बीत जाने के बावजूद पाकिस्तान की ओर से अपने क्षेत्र में आतंकी ढांचे के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
नौ आतंकी ठिकाने बर्बाद किए गए
विदेश सचिव कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकवादी ने अंजाम दिया था। इस हमले को 26/11 के मुंबई हमलों के बाद नागरिकों पर सबसे घातक हमला बताते हुए मिस्री ने कहा कि इसका उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति की वापसी को रोकना था, क्योंकि इस क्षेत्र में पर्यटकों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। लश्कर का इरादा कश्मीर को सीमा पार आतंकवाद के लिए बनाए रखना था।
उन्होंने कहा कि पहलगाम आतंकवादी हमले की जांच में जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान में आतंकवादियों के बीच संचार संबंधों का पता चला है। मिसरी ने कहा कि पहलगाम हमले का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में सामाजिक स्थिति को बिगाड़ना था, जो प्रगति और विकास का गवाह बन रहा था। हमले के जरिए परिवार के सदस्यों को जानबूझकर टारगेट किया गया। सैनिक अधिकारियों ने कहा कि नौ आतंकी ठिकाने बर्बाद किए गए और बेहद क्रेडिबल इंटेल रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई हुई , जिससे सिविलियन को नुकसान न हो।
पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए ऑपरेशन सिन्दूर
ब्रीफिंग में कर्नल सोफिया कुरैशी ने पुष्टि की कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी शिविर नष्ट किए गए। उन्होंने कहा कि इन आतंकी ठिकानों को विश्वसनीय खुफिया जानकारी और सीमा पार आतंकवाद में उनकी संलिप्तता के आधार पर चुना गया था। उन्होंने कहा, "पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया था। नौ आतंकी शिविरों को निशाना बनाया गया और उन्हें नष्ट कर दिया गया।"
ये ठिकाने हुए खत्म
भारत ने जिन टारगेट पर कार्रवाई की उनमें जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) से जुड़े बहावलपुर में मरकज सुभान अल्लाह, लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से जुड़े मुरीदके में मरकज तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के एक अन्य गढ़ तेहरा कलां में सरजाल शामिल हैं। इसके अलावा, सियालकोट में महमूना जोया, जो हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) से जुड़ा है, और बरनाला में मरकज अहले हदीस, जो एलईटी से जुड़ा है, को भी निशाना बनाया गया। भारतीय सेना ने कोटली में मरकज अब्बास (जेईएम) और मस्कर राहील शाहिद (एचएम), मुजफ्फराबाद में शवाई नल्ला कैंप (एलईटी) और सैयदना बिलाल कैंप (जेईएम) पर भी हमले किए।
और हमलों की आशंका थी
विदेश सचिव ने कहा कि भारत के अभियान आसन्न हमलों के संकेत देने वाली खुफिया जानकारी के कारण आवश्यक थे। उन्होंने कहा कि भारत की प्रतिक्रिया "गैर-बढ़ाने वाली, आनुपातिक और जिम्मेदार थी।" उन्होंने कहा कि "हमारी खुफिया जानकारी ने संकेत दिया कि भारत के खिलाफ आगे और हमले होने वाले हैं। इस प्रकार, हमले रोकने के लिए मजबूरी थी और इसलिए आज सुबह, भारत ने इस तरह के और अधिक सीमा पार आतंकवाद को रोकने के लिए जवाब देने के अपने अधिकार का प्रयोग किया।हमने आतंकवादियों के बुनियादी ढांचे को खत्म करने पर ध्यान केंद्रित किया।
कर्नल सोफिया कुरैशी ने नष्ट किये गये आतंकी शिविरों के वीडियो प्रस्तुत किये, जिनमें मुरीदके भी शामिल है, जहां 2008 के मुंबई हमलावरों अजमल कसाब और डेविड हेडली को प्रशिक्षण दिया गया था। उन्होंने कहा कि पिछले तीन दशकों में पाकिस्तान ने व्यवस्थित तरीके से आतंकी ढांचे का निर्माण किया है। यह भर्ती और प्रशिक्षण केंद्रों, प्रारंभिक और रिफ्रेशर पाठ्यक्रमों के लिए प्रशिक्षण क्षेत्रों और आकाओं के लिए लॉन्चपैड का एक जटिल नेटवर्क है। ब्रीफिंग में विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने कहा, 'भारत पाकिस्तान के किसी भी दुस्साहस से निपटने के लिए तैयार है।'
कौन हैं सोफिया कुरेशी
कर्नल सोफिया कुरैशी किसी बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में सेना की टुकड़ी का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अधिकारी हैं। एक्सरसाइज फोर्स 18 नामक यह अभ्यास/युद्ध अभ्यास भारत द्वारा आयोजित अब तक का सबसे बड़ा विदेशी सैन्य अभ्यास था। सोफिया गुजरात की रहने वाली हैं और उन्होंने बायो-केमिस्ट्री में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की है। उनके दादा भी सेना में रहे हैं और उनका विवाह भी एक मेकनाइज्ड इन्फैंट्री के सेना अधिकारी से हुआ है।
35 वर्षीय सोफिया कुरैशी वर्तमान में भारतीय सेना में कर्नल पद पर मौजूद हैं। सोफिया को संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में भारत की ओर से भेजे गए दल की कमान सौंपी गई थी। वह उन चुनिंदा प्रशिक्षकों में शामिल थीं जिन्हें इस महत्वपूर्ण दायित्व के लिए चुना गया था। वर्तमान में वह भारतीय सेना के कॉर्प्स ऑफ सिग्नल्स से जुड़ी अधिकारी हैं।