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पंजाब में कुदरत का कहर, 26 से 29 सितंबर तक बुलाया गया विशेष सत्र, बाढ़ से हुए नुकसान पर होगी चर्चा
पंजाब में आई भारी बाढ़ के नुकसान पर चर्चा के लिए 26 से 29 सितंबर तक विशेष विधानसभा सत्र बुलाया गया है। इस सत्र में राहत, पुनर्वास और बाढ़ प्रभावितों के लिए सरकार की तैयारियों का आकलन किया जाएगा। साथ ही AAP और कांग्रेस के बीच राजनीतिक बहस का भी मंच बनेगा।
Punjab Special Parliament Session for Flood damage: पंजाब में आई विनाशकारी बाढ़ से हुए नुकसान पर चर्चा के लिए पंजाब विधानसभा का एक विशेष सत्र बुलाया गया है। यह सत्र 26 से 29 सितंबर तक चलेगा, जिसमें राज्य सरकार बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करेगी और राहत व पुनर्वास कार्यों पर चर्चा करेगी। हालांकि, यह सत्र सिर्फ बाढ़ तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह आम आदमी पार्टी (AAP) और विपक्षी कांग्रेस के बीच एक बड़े सियासी मुकाबले का मंच भी बन सकता है।
क्यों बुलाया गया है 'विशेष सत्र'?
पंजाब में इस साल की बाढ़ ने पिछले 30 सालों के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। राज्य के सभी 23 जिले प्रभावित हुए, हजारों गांव डूबे और करोड़ों की फसल बर्बाद हो गई। इस आपदा के बाद, राज्य सरकार पर राहत और पुनर्वास कार्यों को लेकर विपक्ष लगातार दबाव बना रहा है।
नुकसान का आकलन: सत्र का मुख्य उद्देश्य बाढ़ से हुए 20,000 करोड़ रुपये से अधिक के नुकसान पर चर्चा करना है। सरकार केंद्र से और अधिक सहायता राशि की मांग भी कर सकती है।
राहत कार्य: सत्र में सरकार उन राहत कार्यों पर भी एक रिपोर्ट पेश करेगी, जो अब तक चलाए गए हैं।
पुनर्वास योजना: बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए एक प्रभावी पुनर्वास योजना बनाने पर भी चर्चा होगी।
यह सत्र सरकार को विपक्ष के हमलों का जवाब देने और जनता को यह दिखाने का मौका देगा कि वह इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है।
क्या होगा 'सियासी' घमासान?
यह सत्र सिर्फ बाढ़ पर चर्चा के लिए नहीं होगा, बल्कि यह AAP और कांग्रेस के बीच एक 'महा-मुकाबला' भी होगा।
राहुल गांधी का 'पत्र': कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर पंजाब के लिए केंद्र की 1600 करोड़ रुपये की सहायता राशि को 'अपर्याप्त' बताया था। कांग्रेस इस मुद्दे को सत्र में भी जोर-शोर से उठाएगी और AAP सरकार पर केंद्र से और अधिक मदद मांगने में 'विफल' होने का आरोप लगा सकती है।
AAP की 'रक्षात्मक' रणनीति: AAP सरकार कांग्रेस के आरोपों का जवाब देगी और यह साबित करने की कोशिश करेगी कि उसने बाढ़ पीड़ितों के लिए हर संभव प्रयास किया है।
यह सत्र दोनों पार्टियों के लिए एक दूसरे पर हमला करने का एक सुनहरा अवसर होगा, खासकर जब बिहार चुनाव भी नजदीक हैं। कांग्रेस पंजाब में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है और AAP सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती। अब देखना यह है कि यह 'विशेष सत्र' सिर्फ बाढ़ पर चर्चा तक सीमित रहता है या यह AAP और कांग्रेस के बीच एक बड़ा सियासी रणक्षेत्र बन जाता है।
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