राहुल का कांग्रेस अध्यक्ष बनना तय, मीटिंग में बागी नेताओं ने भरी हामी

राहुल गांधी ही कांग्रेस के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे। शनिवार को कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ शुरू हुई कांग्रेस के बागी नेताओं की बैठक में बगावत के सुर ठंडे पड़ते दिखे और कांग्रेस नेताओं ने एक राय होकर राहुल का समर्थन किया।

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Published on: 19 Dec 2020 8:53 PM IST
राहुल का कांग्रेस अध्यक्ष बनना तय, मीटिंग में बागी नेताओं ने भरी हामी
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राहुल का कांग्रेस अध्यक्ष बनना तय, मीटिंग में बागी नेताओं ने भरी हामी

लखनऊ: राहुल गांधी ही कांग्रेस के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे। शनिवार को कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ शुरू हुई कांग्रेस के बागी नेताओं की बैठक में बगावत के सुर ठंडे पड़ते दिखे और कांग्रेस नेताओं ने एक राय होकर राहुल का समर्थन किया।

कांग्रेस नेताओं की शनिवार को हुई बैठक में गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और अंबिका सोनी जैसे नेताओं के सुर भी बदले रहे। बैठक में आम सहमति से पार्टी का संचालन किए जाने का सवाल उठा तो राहुल गांधी ने भी इस पर सहमति जताई। बैठक का संयोजन करने वाले कमलनाथ ने राहुल गांधी को ही कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने की जरूरत बताई और सभी नेताओं से समर्थन करने की अपील की।

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बागी नेताओं ने भी इसका समर्थन किया और कहा कि गांधी -नेहरू परिवार से ही कांग्रेस को ऊर्जा मिलती रही है। उन लोगों ने जो बातें अपने पत्र में लिखी थीं वह कांग्रेस को चुनाव मैदान में मजबूत बनाने के लिए थीं। वह सभी चाहते हैं कि कांग्रेस ही देश में भाजपा का विकल्प बने। नेताओं की बात सुनने के बाद राहुल गांधी ने भी अध्यक्ष बनने के प्रस्ताव पर सहमति जताई और कहा कि पार्टी उन्हें जो भी जिम्मेदारी देगी वह उसका निर्वाह करेंगे।

Sonia gandhi

राहुल के निर्णयों में शामिल होने की होड़

कांग्रेस के बागी नेताओं के साथ सोनिया गांधी की बैठक में राहुल गांधी के नाम पर मुहर लगने के साथ एक और बात उभर कर सामने आई कि कांग्रेस के पुराने नेता पार्टी में अपनी हैसियत व वजूद के लिए संघर्ष कर रहे हैं। राहुल गांधी ने पिछले वर्षों के दौरान बागी नेताओं के बजाय नए लोगों पर भरोसा करना शुरू कर दिया है। अशोक गहलोत, रणदीप सुरजेवाला जैसे नेता उनके करीबी बन चुके हैं। ऐसे में पुराने नेताओं को आशंका है कि आने वाले दिनों में अगर राहुल के हाथ में कमान रही तो उनके नए दरबारी नेता पार्टी के अंदर पुराने नेताओं के लिए मुश्किल खड़ी कर देंगे।

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इससे उनका भविष्य अनिश्चित हो जाएगा। कांग्रेस के जानकारों का कहना है कि गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा जैसे नेताओं की मुश्किल राज्यसभा सदस्यता को लेकर भी है। ऐसे में मीटिंग में जो माहौल बना है उसमें संभव है कि बगावत की आंच धीमी पड़ जाएगी और आने वाले कुछ दिनों में ही राहुल की निष्कंटक ताजपोशी कर दी जाएगी।

अखिलेश तिवारी

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