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राजस्थान रोडवेज ने लिया बड़ा फैसला: पलायन कर रहे मजदूरों को...
पूरे देश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए लॉकडाउन घोषित किया गया है। इस फैसले की वजह से दिहाड़ी मजदूरों और गरीबों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उनके सामने रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गयी है।। ऐसे में देश के कोने-कोने के मजदूर बड़ी संख्या में अपने-अपने गांव को लौटने लगे हैं। राजस्थान में भी मजदूरों को पलायन देखने को मिल रहा है।
जयपुर पूरे देश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए लॉकडाउन घोषित किया गया है। इस फैसले की वजह से दिहाड़ी मजदूरों और गरीबों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उनके सामने रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गयी है।। ऐसे में देश के कोने-कोने के मजदूर बड़ी संख्या में अपने-अपने गांव को लौटने लगे हैं। राजस्थान में भी मजदूरों को पलायन देखने को मिल रहा है। यातायात व्यवस्था बंद होने की वजह से ये मजदूर पैदल ही अपने गंतव्य की ओर जा रहे हैं। ऐसे में इन मजदूरों की मदद के लिए राजस्थान रोडवेज ने बसें उतारने का फैसला लिया है। पैदल चल रहे इन मजदूरों को फ्री में उत्तर प्रदेश की सीमा पर छोड़ने के लिए राजस्थान रोडवेज ने 110 बसें उतारी हैं।
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लोगों से की अपील
राज्य के राज्यपाल कलराज मिश्र ने पलायन कर रहे लोगों से अपील की, 'आप सभी लोग मेरे अनुरोध को सुनें, उस पर विचार करें। जहां हैं वहीं रुकें। आपके रहने और भोजन की व्यवस्था हमारे प्रशासन की जिम्मेदारी है। प्रशासन इस कार्य को बड़ी ही शालीनता से कर रहा है।' उन्होंने कहा, 'मैंने मीडिया में एक साथ बहुत से लोगों को ट्रक में और पैदल जाते हुए देखा। यह देख मुझे दुख हुआ। मैं व्यथित हो गया हूं और चिंता भी हो रही है। आप लोग इस परिस्थिति को समझें। हमें कोरोना से डरना नहीं है, उससे लड़ना है। उसे पीठ दिखाकर भागना नहीं है, उसका सामना करना है। इसलिए आप लोग हिम्मत रखें, राज्य सरकार पूरी तरह आपके साथ खड़ी है।'
रविवार को जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर पैदल चल रहे मजदूरों को उनके गंतव्य या उत्तर प्रदेश की सीमा तक छोड़ने की फ्री यानी निःशुल्क यात्रा की व्यवस्था की है। रोडवेज प्रशासन के अनुसार, रविवार दोपहर तक 62 बसें उत्तर प्रदेश सीमा तक मजदूरों को पहुंचा चुकीं थीं। इस बीच रविवार और 110 बसें रवाना की गईं। इसके साथ ही निजी बसें चलाए जाने का भी फैसला किया गया है। रोडवेज के प्रबंध निदेशक नवीन जैन ने बताया कि जयपुर से आगरा रोड पर बड़ी संख्या में श्रमिक यूपी सीमा की ओर पैदल ही चल रहे हैं, ऐसे में रविवार को जिला कलक्टर की बैठक में उन्हें जल्द उत्तर प्रदेश सीमा में उनके गंतव्य तक पहुंचाने का फैसला किया गया।
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रोडवेज के प्रबंध निदेशक ने बताया कि ये बसें आम नागरिकों के लिए नहीं है, ये केवल उन प्रवासी श्रमिकों के लिए हैं जो सड़क पर चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि रविवार से निजी बसों को भी चलाया जा रहा है लेकिन ये बसें भी केवल आगरा रोड पर चल रहे प्रवासी श्रमिकों को ही उनके गंतव्य तक पहुंचाएगी।
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