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रामगोपाल को एक और झटका, दिल्ली के पार्टी कार्यालय से उखाड़ी गई नेम प्लेट
रामगोपाल को पार्टी से छह वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया गया था। शिवपाल यादव ने रामगोपाल के निष्कासन की घोषणा के साथ उन पर बीजेपी के साथ मिल कर पार्टी को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया था। बाद में रामगोपाल ने मुलायम और शिवपाल को धमकी दी थी, कि अब वे उनके क्षेत्र में जाकर दिखाएं और बच कर आ जाएं।
नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी के घरेलू महासंग्राम में पार्टी से निकाले गए रामगोपाल को अब दफ्तर से भी बाहर कर दिया गया है। मंगलवार को दिल्ली के कॉपरनिकस मार्ग स्थिति पार्टी कार्यालय से रामगोपाल यादव की नेम प्लेट हटा दी गई।
रामगोपाल का दफ्तर छिना
-रामगोपाल से दफ्तर छीनने का कदम उस घटनाक्रम की अगली कड़ी है, जिसमें वह खुल कर अखिलेश यादव का समर्थन और शिवपाल सिंह यादव का विरोध कर रहे हैं।
-इससे पहले रामगोपाल ने एक चिट्ठी लिख कर अपनी मंशा जाहिर कर दी थी, और कहा था कि बिना अखिलेश के पार्टी चुनाव नहीं जीत सकती।
-रामगोपाल यादव ने घर और प्रदेश की सत्ता में मचे घमासान के पीछे अमर सिंह का हाथ बताया था, जो इस समय मुलायम और सिवपाल के बेहद करीबी हैं।
रामगोपाल ने दी थी धमकी
-इस घटनाक्रम के बाद ही रामगोपाल को पार्टी से छह वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया गया था।
-पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने रामगोपाल के निष्कासन की घोषणा के साथ उन पर बीजेपी के साथ मिल कर पार्टी को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया था।
-हालांकि, पार्टी से निकाले जाने के बाद रामगोपाल ने मुलायम और शिवपाल को धमकी दी थी, कि अब वे उनके क्षेत्र में जाकर दिखाएं और बच कर आ जाएं।
-इस बीच सूत्रों का कहना है कि जल्द ही राज्यसभा में पार्टी नेता के पद से भी उन्हें हटाए जाने की तैयारी हो चुकी है।
-ऐसे में रामगोपाल पहले ही राज्यसभा से इस्तीफा दे सकते हैं। राज्यसभा में सपा के 18 सदस्य हैं।
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