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दागी नेताओं को SC का झटका, केंद्र सरकार से मांगी फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित करने की योजना
सुप्रीम कोर्ट ने दागी नेताओं को करारा झटका देते हुए उनके खिलाफ चल रहे मामलों की सुनवाई जल्द पूरी करने के लिए स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित करने की योजना केंद्र सरकार से मांगी है।
सुप्रीम कोर्ट: दागी विधायकों, सांसदों पर आगामी 1 मार्च से चलेगा मुकदमा
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने दागी नेताओं को करारा झटका देते हुए उनके खिलाफ चल रहे मामलों की सुनवाई जल्द पूरी करने के लिए स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित करने की योजना केंद्र सरकार से मांगी है।
उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार विधायकों और सांसदों के खिलाफ चल रहे मामलों की जल्द सुनवाई के लिए स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित करने की योजना बताए। गुजरात और हिमाचल प्रदेश में में मतदान से पहले सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश सामने आया है।
इसके अलावा अदालत ने केंद्र सरकार से पिछले तीन साल में विधायकों और सांसदों के खिलाफ दर्ज किए गए मामलों की पूरी जानकारी भी देने को कहा है। इसमें आरोप मुक्त किए गए और दोषी ठहराए गए सांसद और विधायक भी शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से छह सप्ताह के अंदर स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित करने का आदेश दिया है, ताकि नेताओं के खिलाफ चल रहे मामलों की सुनवाई एक साल के भीतर पूरी की जा सके।
एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के आंकड़ों के मुताबिक, बीजेपी के 523, कांग्रेस के 248 और आप के 26 सांसद-विधायक दागी हैं।इनमें से -20 प्रतिशत पर मर्डर, रेप और मर्डर की कोशिश जैसे केस हैं। 190 पर हत्या की कोशिश, 87 पर मर्डर, 64 पर किडनैपिंग और 52 के खिलाफ महिलाओं से जुड़े अपराधों में केस चल रहे हैं।
- एडीआर ने 4,896 सांसदों-विधायकों में से 4,852 के चुनावी हलफनामों के आधार पर रिपोर्ट दी थी। इनमें से 1,581 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं।
लोकसभा के 543 सांसदों में से 184 (34%), 231 राज्यसभा सांसदों में से 44 (19%), 4078 विधायकों में से 1,353 (33%) के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं।
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