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ISRO के 101वें मिशन को लगा बड़ा झटका, EOS-09 मिशन तीसरे चरण में तकनीकी गड़बड़ी हुआ फेल
ISRO Mission Failed: ISRO प्रमुख वी. नारायणन ने पुष्टि की कि मिशन अपने तीसरे चरण में तकनीकी खामी के कारण सफल नहीं हो सका। उन्होंने कहा, मिशन अपने उद्देश्यों को हासिल नहीं कर पाया है। हम इसकी विस्तृत समीक्षा करेंगे और जांच पूरी होने के बाद विस्तृत जानकारी साझा की जाएगी।
ISRO Mission Failed: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के लिए रविवार की सुबह निराशाजनकर साबित हुई। जब उसका अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट EOS-09 मिशन लॉन्चिंग के दौरान विफल हो गया। इस मिशन को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से PSLV-C61 रॉकेट के जरिए सुबह 5:59 बजे प्रक्षेपित किया गया था।
लॉन्च के तुरंत बाद ISRO प्रमुख वी. नारायणन ने पुष्टि की कि मिशन अपने तीसरे चरण में तकनीकी खामी के कारण सफल नहीं हो सका। उन्होंने कहा, मिशन अपने उद्देश्यों को हासिल नहीं कर पाया है। हम इसकी विस्तृत समीक्षा करेंगे और जांच पूरी होने के बाद विस्तृत जानकारी साझा की जाएगी।
PSLV का 63वां और ISRO का 101वां मिशन
EOS-09 मिशन को 2022 में लॉन्च हुए EOS-04 की तर्ज पर तैयार किया गया था। इसका उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों जैसे कृषि, वन्य क्षेत्र निगरानी, आपदा प्रबंधन, शहरी विकास और रक्षा के लिए रियल-टाइम हाई-रिज़ॉल्यूशन सैटेलाइट इमेजरी प्रदान करना था। यह सैटेलाइट हर मौसम में काम करने में सक्षम था और इसे 5 साल तक ऑपरेशनल रहने के लिए डिजाइन किया गया था। करीब 1,696 किलोग्राम वजनी EOS-09 सैटेलाइट को सूर्य समकालिक ध्रुवीय कक्षा (Sun Synchronous Polar Orbit - SSPO) में स्थापित किया जाना था। लेकिन PSLV रॉकेट के तीसरे चरण में तकनीकी खराबी के कारण यह लक्ष्य पूरा नहीं हो सका।
शुरुआती चरणों में सब कुछ सामान्य
नारायणन के अनुसार, रॉकेट का पहला और दूसरा चरण सामान्य तरीके से चला लेकिन तीसरे चरण में गड़बड़ी के कारण मिशन को रोकना पड़ा। PSLV-C61 की यह उड़ान ISRO के प्रतिष्ठित PSLV रॉकेट की 63वीं उड़ान थी। इसरो अब इस असफलता के तकनीकी कारणों की गहराई से जांच कर रहा है। मिशन की असफलता के बावजूद, EOS-09 जैसी परियोजनाएं देश के अंतरिक्ष कार्यक्रमों की भविष्य की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएंगी।