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केन्द्र की न के बावजूद सिद्धारमैया ने किया कर्नाटक के झंडे का लोकार्पण
केंद्र सरकार द्वारा कर्नाटक राज्य के पृथक झंडे की मांग को खारिज किये जाने के बावजूद मुख्यमंत्री एस. सिद्धारमैया ने आज राज्य के नये ध्वज का अनावरण कर दिया। मुख्यमंत्री के इस कदम को बड़ा दांव माना जा रहा है जिसके जरिये वह विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के पक्ष में माहौल करना चाहते हैं। इसे कन्नडिगा प्राइड की संज्ञा दी है। नाद ध्वज यानी राज्य के झंडे में
बेंगलुरु: केंद्र सरकार द्वारा कर्नाटक राज्य के पृथक झंडे की मांग को खारिज किये जाने के बावजूद मुख्यमंत्री एस. सिद्धारमैया ने आज राज्य के नये ध्वज का अनावरण कर दिया। मुख्यमंत्री के इस कदम को बड़ा दांव माना जा रहा है जिसके जरिये वह विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के पक्ष में माहौल करना चाहते हैं। इसे कन्नडिगा प्राइड की संज्ञा दी है। नाद ध्वज यानी राज्य के झंडे में लाल, सफेद और पीले रंग की पट्टियां बनी हुई हैं। इस झंडे के बीच में राज्य के प्रतीक ‘गंडाबेरुण्डा’ या दो सिर वाला पौराणिक पक्षी बना हुआ है।
राज्य सरकार द्वारा गठित एक कमेटी ने पिछले वर्ष कर्नाटक के लिए अलग झंडे की सिफारिश की थी। झंडे का डिजाइन लगभग 60 वर्ष पूर्व वीरा सेनानी एम ए रामामूर्ति ने बनाया था। मुख्यमंत्री ने कानूनी और संवैधानिक अड़चनों को नजरअंदाज करते हुए विभिन्न कन्नड़ समर्थक संगठनों, कार्यकर्ताओं, साहित्यिक हस्तियों के बीच कन्नड़ के गर्व के रूप में इस झंडे को स्वीकार किया।
गौरतलब है कि गृह मंत्रालय पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि राज्यो के अलग अलग झंडों की कोई व्यवस्था नहीं है। एक देश का एक ही झंडा है तिरंगा। भाजपा अलग झंडे की मांग की शुरू से विरोधी रही है। अभी किसी राज्य के पास अपना झंडा नहीं केवल कश्मीर को छोड़कर और कश्मीर को भी अपने झंडे का अधिकार विशेष प्रावधानों के तहत मिला हुआ है।
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