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त्रिपुरा में भाजपा का गठजोड़ उसके राष्ट्रवादी एजेंडे के विपरीत
कोलकाता : मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने त्रिपुरा में वाम मोर्चे को हराने के लिए भाजपा पर 'पृथकतावादी' और 'उग्रवादी संगठनों' से दोस्ती करने का आरोप लगाया और कहा कि यह उसके 'हिंदुत्व राष्ट्रवाद' के लक्ष्य और प्रोपेगेंडे के खिलाफ है। माकपा की तीन दिवसीय केंद्रीय समिति बैठक की समाप्ति के बाद पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, "यह साफ है कि भाजपा त्रिपुरा में वाम मोर्चा विरोधी केंद्र के रूप में सामने आ रही है। वे सभी पृथकतावादी दोस्तों को इकट्ठा कर रहे हैं और उग्रवादी संगठनों को भी। उन्होंने इंडीजेनस पीपुल्स फ्रंट आफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के साथ गठबंधन किया है। वे इंडीजेनस नेशनलिस्ट पार्टी आफ त्रिपुरा (आईएनपीटी) जैसों से बात कर रहे हैं।"
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हालांकि, अभी त्रिपुरा के इन दोनों आदिवासी दलों के भाजपा से गठबंधन की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
येचुरी ने कहा, "एक तरफ तो भाजपा पूरे देश में राष्ट्रवादी का ढोल पीट रही है और कह रही है कि जो भारत माता की जय न कहे वह देशभक्त नहीं है। वे अपने हिंदुत्व राष्ट्रवाद और हिंदुत्व एजेंडे के तहत देश की एकता व अखंडता को नुकसान पहुंचा रहे हैं और त्रिपुरा में वे उन उग्रवादी संगठनों से जुड़ रहे हैं जो इस मांग के साथ पैदा हुए हैं कि त्रिपुरा को भारत से अलग हो जाना चाहिए।"
माकपा ने भाजपा पर त्रिपुरा में आदिवासियों और गैर आदिवासियों के बीच तनाव पैदा करने की कोशिश करने का आरोप लगाया और दावा किया कि राज्य में होने वाला चुनाव भाजपा के लिए वाटरलू साबित होगा।
उन्होंने कहा कि माकपा इन तमाम प्रयासों के खिलाफ सभी प्रगतिशील व लोकतांत्रिक लोगों को एकजुट करेगी। येचुरी ने कहा कि 'गरीबों और अमीरों के बीच खाई को बढ़ाने वाली आर्थिक नीतियों, सांप्रदायिक ध्रुवीकरण और आक्रमक हिंदुत्व राष्ट्रवाद की नीति, संसदीय संस्थाओं पर तानाशाही हमलों, अमेरिका के सामने विदेश नीति के मामले में घुटने टेकने और अमेरिका के इशारे पर होने वाले निजीकरण की नीतियों' को लेकर वाम मोर्चा भाजपा को घेरेगा।
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