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अब ‘क से कबूतर नहीं कबड्डी’ सीखंगे बच्चे, खेल वर्णमाला का हुआ विमोचन
दिल्ली: दिल्ली में एक गैर सरकारी संस्था स्पोर्ट्स: ए वे ऑफ लाइफ ने अपने खेल साक्षरता मिशन के तहत बच्चों के लिए हिंदी में 'खेल प्रवेशिका' और अंग्रेजी में 'नो स्पोर्ट्स' नाम की पहली खेल वर्णमाला जारी की है। गुरुवार को राजधानी के इंडिया हैबिटेट सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में इसका विमोचन अनाथालय और झुग्गी बस्ती में रहने वाले बच्चों ने किया।
विमोचन के मौके पर मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंची यूपी सरकार की बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अनुपमा जायसवाल ने कहा कि इन पुस्तकों को राज्य के हर विद्यार्थी तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। इससे बच्चों को शुरू से ही खेल में अपना भविष्य बनाने का रास्ता तो मिल ही जाएगा, वे स्वस्थ भी रहेंगे।
मंत्री ने कहा कि खेल हर व्यक्ति के जीवन व स्वास्थ्य से जुड़ा है, लेकिन बहुत कम लोग इस पर पूरा ध्यान केंद्रित कर पाते हैं।
संस्था के अध्यक्ष कनिष्क पांडेय ने कहा कि मिशन की शुरुआत यूपी के गाजियाबाद जिले से की गई है। जिले के सरकारी स्कूलों के 40 हजार अभिभावकों को अपील जारी की है कि वे अपने बच्चों में शुरू से ही खेल में अभिरुचि पैदा करें। बच्चों में खेल के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए इस प्रवेशिका का भी इस्तेमाल करें।
उन्होंने कहा कि हिंदी और अंग्रेजी वर्णमाला से शुरू होने वाले खेलों को संकलित कर उसे पुस्तिका का रूप दिया गया है। जैसे हम बच्चों को 'क' से कबूतर, 'ख' से खरबूजा, 'ए' से एप्पल, 'बी' से बनाना, सिखाते हैं उसी प्रकार 'क' से कबड्डी, 'ख' से खो-खो और 'ए' से एथलीट, 'बी' से बॉस्केट बॉल सिखाकर उन्हें खेल साक्षर बनाएंगे।
उन्होंने कहा कि गाजियाबाद हमारा पायलेट जिला है, जिसे हमने पूर्ण खेल साक्षर जिला बनाने का लक्ष्य रखा है। इसमें पांचवीं कक्षा तक के हर बच्चे को खेल प्रवेशिका उपलब्ध करवाना तथा सभी प्राथमिक विद्यालयों के प्रत्येक कक्षा कक्ष में खेल कैलेंडर स्थायी रूप से प्रदर्शित करवाना लक्ष्य है।
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