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सुनंदा पुष्कर केस में ट्वीट, चार्जशीट का नहीं बनेंगे हिस्सा, शशि थरूर को लगा झटका
कांग्रेस सांसद शशि थरूर को दिल्ली की एक अदालत से सुनंदा पुष्कर मौत मामले में झटका लगा है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने गुरुवार को मौत से पहले सुनंदा पुष्कर के ट्वीट को सुनवाई का हिस्सा बनाने से इनकार कर दिया।
नईदिल्ली: कांग्रेस सांसद शशि थरूर को दिल्ली की एक अदालत से सुनंदा पुष्कर मौत मामले में झटका लगा है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने गुरुवार को मौत से पहले सुनंदा पुष्कर के ट्वीट को सुनवाई का हिस्सा बनाने से इनकार कर दिया। शशि थरूर के वकीलों ने सुनंदा पुष्कर की ओर से उनके निधन से ठीक पहले किए गए ट्वीट को चार्जशीट का हिस्सा बनाने की मांग की थी।
इससे पहले सुनंदा पुष्कर केस में दिल्ली पुलिस ने कोर्ट से साफ शब्दों में कहा था उनके खिलाफ खुदकुशी के लिए उकसाने का आरोप तय होना चाहिए। पुलिस ने कहा था कि शशि थरूर के खिलाफ 498ए, 306 के तहत केस दर्ज होना चाहिए। वहीं सुनंदा पुष्कर के भाई आशीष दास ने कहा था कि वह अपने शादीशुदा जिंदगी से बेहद खुश थीं, लेकिन अपने अंतिम दिनों में वह बेहद परेशान थीं। वह कभी आत्महत्या करने के बारे में सोच भी नहीं सकती थीं।
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बता दें, 17 जनवरी 2014 को दिल्ली के एक पांच सितारा होटल में शशि थरूर की पत्नी सुनंदा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. मौत से पहले कथित सुनंदा पुष्कर और पाकिस्तानी पत्रकार मेहर तरार के बीच ट्विटर पर बहस हुई थी। इस मामले में शशि थरूर पर अपनी पत्नी को खुदकुशी के लिए उकसाने और मानसिक उत्पीड़न करने का आरोप है।
बता दें कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर संदिग्ध परिस्थितियों में छह साल पहले 17 जनवरी, 2014 को होटल लीला के कमरे में मृत पाई गई थीं। इससे एक दिन पहले पाकिस्तान की पत्रकार मेहर तरार के साथ ट्विटर पर उनकी लड़ाई हुई थी। 16 जनवरी को उन्होंने बेहद सकारात्मक ट्वीट किए थे, जिनसे ऐसा नहीं लग रहा था कि वह किसी तरह के दबाव या तनाव में हैं और खुदकुशी कर सकती हैं।
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ऑटोप्सी के बाद सुनंदा का अंतिम संस्कार कर दिया गया था। उस समय की ऑटोप्सी रिपोर्ट ने संकेत दिया था कि नींद की गोलियों के ओवरडोज के कारण उनकी मौत हुई। हालांकि रिपोर्ट से यह नहीं पता चला कि उनकी मौत कैसे हुई और यह आत्महत्या थी या नहीं। वहीं उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार सुनंदा की मौत जहर से हुई और उनके शरीर के विभिन्न हिस्सों जैसे बांह, हाथ, पैर आदि पर चोट के 12 निशान थे।
सुनंदा पुष्कर का जन्म एक कश्मीरी पंडित परिवार में 27 जून 1964 को हुआ था। उनके पिता सेना में अधिकारी थे। 1990 में उनका परिवार बोमई से जम्मू आकर बसा था क्योंकि आतंकी हमले के दौरान उनके घर को जला दिया गया था।
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