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मौत की सजा के लिए क्या फांसी ही एक मात्र ऑप्शन : केंद्र सरकार से SC
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक ऐसी याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है जिसमें कहा गया है कि फांसी की सजा असंवैधानिक है, क्योंकि यह तकलीफदेह होती है और जीवन समाप्त करने का यह सम्मानजनक तरीका नहीं है।
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक ऐसी याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है जिसमें कहा गया है कि फांसी की सजा असंवैधानिक है, क्योंकि यह तकलीफदेह होती है और जीवन समाप्त करने का यह सम्मानजनक तरीका नहीं है।
यह याचिका वकील रिषी मल्होत्रा द्वारा दायर की गई है जिसमें कहा गया है कि मृत्युदंड के लिए फांसी देना बेहद क्रूर तरीका है इसलिए इसका कोई विकल्प तलाशा जाए।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा, जस्टिस ए.एम. खानविलकर और जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने सरकार को इस पर प्रतिक्रिया देने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया है।
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अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 354 फांसी पर लटकाकर मौत की सजा देने की अनुमति देती है। बेंच ने इस मामले में अटॉर्नी जरनल के.के. वेणुगोपाल से सहायता करने के लिए भी कहा है। कोर्ट ने संसद से मौत की सजा देने के वैकल्पिक तरीकों पर विचार करने के लिए कहा है।
याचिकाकर्ता वकील ने कोर्ट को बताया है कि फांसी द्वारा मौत की सजा देना संविधान के अनुच्छेद-21 का उल्लंघन है, जो सम्मान के साथ जीने का अधिकार प्रदान करता है।
उन्होंने कहा कि सम्मान के साथ जीने के अधिकार में बिना दर्द व तकलीफ के सम्मान के साथ मरने का अधिकार भी शामिल है।
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याचिकाकर्ता वकील द्वारा कोर्ट को कम तकलीफदेह तरीके से मौत की सजा के बारे में सुझाव देने पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि घातक इंजेक्शन से मौत की सजा देने के तरीके की काफी आलोचना हुई है। बता दें, कि पिछले काफी समय से फांसी की सजा के खिलाफ आवाज उठाई जाती रही है।
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