ओडिशा हाईकोर्ट के इस आदेश पर SC ने लगाई रोक, जानिए क्या है मामला

सुप्रीम सुप्रीम कोर्ट   कोर्ट  ने ओडिशा हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी जिसमें हाई कोर्ट ने सरकार से सिर्फ उन्हीं मजदूरों को वापस लाने को कहा जो जांच में कोरोना नेगेटिव पाए जाएं। हाई कोर्ट ने नवीन पटनायक सरकार से कहा था कि दूसरे प्रदेशों में फंसे ओडिशा के सिर्फ उन्हीं मजदूरों को वापस लाया जाए

suman
Published on: 8 May 2020 9:41 PM IST
ओडिशा हाईकोर्ट के इस आदेश पर SC ने लगाई रोक, जानिए क्या है मामला
X

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने ओडिशा हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। दरअसल इससे पहले ओडिशा हाईकोर्ट ने एक आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने वाले प्रवासी मजदूरों को राज्य में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। हाई कोर्ट ने नवीन पटनायक सरकार से कहा था कि दूसरे प्रदेशों में फंसे ओडिशा के सिर्फ उन्हीं मजदूरों को वापस लाया जाए जो कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं हों। हाई कोर्ट के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई जिसके बाद सर्वोच्च अदालत ने उच्च न्यायलय के इस आदेश पर रोक लगा दी।

आदेश पर रोक

उड़ीसा हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने एक जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई करते हुए कहा था कि राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि उन सभी फंसे हुए प्रवासी कामगारों का कोरोना वायरस के लिए परीक्षण किया जाए, इससे पहले कि वे ओडिशा के लिए ट्रेन में सवार हों। सुप्रीम कोर्ट ने 8 मई को ओडिशा हाईकोर्ट के इस आदेश पर रोक लगा दी है। इसमें कहा गया था कि राज्य सरकार सिर्फ उन्हीं प्रवासी मजदूरों को राज्य में आने की अनुमति दे, जो नये कोरोना वायरस या कोविड-19 टेस्ट में निगेटिव पाए जाएं।

केंद्र की शिकायत

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष कहा कि यह आदेश काम नहीं करता, यह भी देखते हुए कि इसने प्रवासी श्रमिकों के आने-जाने के लिए गृह मंत्रालय की मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) की अनदेखी की।29 अप्रैल को गृह मंत्रालय ने प्रवासी मजदूरों, स्टूडेंट्स, टूरिस्ट, तीर्थयात्रियों और ऐसे अन्य लोगों को जो कि कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के चलते अपने गृह राज्यों से इतर अन्य राज्यों में फंस गए थे, को अंतरराज्यीय परिवहन की छूट दे दी थी। जिसके बाद, ट्रेन और बस सेवाओं की सुविधा उन प्रवासी मजदूरों को उपलब्ध कराई गई थी, जो अपने गांवों और कस्बों में वापस जाना चाहते थे।

यह पढ़ें...महाराष्ट्र में बड़ा फैसला: हटाए गए BMC कमिश्नर, इस अफसर को मिली जिम्मेदारी

पीआईएल दायर

बता दें कि ओडिशा हाई कोर्ट में नारायण चंद्र जेना नाम के एक व्यक्ति ने पीआईएल दायर की थी। पीआईएल में मांग की गई थी कि कोविड-19 के मामलों को देखते हुए राज्य में सिर्फ कोरोना निगेटिव को ही प्रवेश दिया जाए। हाई कोर्ट ने इस मामले में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई की। हाई कोर्ट ने कहा, 'राज्य सरकार यह सुनिश्चित करे कि जो भी प्रवासी ओडिशा आना चाहते हैं, उन्हें यहां लाने से पहले उनकी कोरोना वायरस की जांच कराएं और जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही उन्हें यहां लाया जाए।'

यह पढ़ें...यूपी के ये तीन रेलवे स्टेशन खास, कोरोना पीड़ितों की देखभाल में ऐसे आएंगे काम

ओडिशा के स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि अब राज्य में कोविड-19 के मरीजों की संख्या बढ़कर 246 हो गई है। भद्रक जिले में एक व्यक्ति को कोरोना पॉजिटिव पाया गया। वहीं, हाल ही में सूरत से लौटे 26 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि नए मामलों में से 19 गंजम से, पांच केंद्रपाड़ा और दो भद्रक जिलों से सामने आए। अधिकारी ने बताया, 'ये लोग सूरत से आए थे और पृथक केंद्रों में रह रहे थे। इनमें बीमारी के लक्षण दिखाई दिए थे।'

suman

suman

Next Story

AI Assistant

Online

👋 Welcome!

I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!