SC on Child Trafficking: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को चाइल्ड ट्रैफिकिंग मामले में दिए सख्त निर्देश, कहा बच्चों को कहीं से भी ढूंढकर लाएं

SC on Child Trafficking: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में नवजात बच्चों की तस्करी के बढ़ते मामलों पर दिल्ली पुलिस को कड़ी फटकार लगाई है और कहा है कि वो लापता बच्चों को कहीं से भी ढूंढकर लाएं।

Shweta Srivastava
Published on: 21 April 2025 4:19 PM IST
SC on Child Trafficking
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SC on Child Trafficking (Image Credit-Social Media)

SC on Child Trafficking: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में नवजात बच्चों की तस्करी के बढ़ते मामलों पर कड़ा रवैया दिखाते हुए दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई है। जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने संज्ञान लेते हुए इस मामले की सुनवाई की और साफ तौर पर यह आदेश दिया कि बच्चों को खरीदने बेचने वाले गिरोह को जड़ से खत्म कर दिया जाए। कोर्ट ने कहा कि यह गिरोह समाज के लिए बेहद खतरनाक हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को चाइल्ड ट्रैफिकिंग मामले में दिए सख्त निर्देश

दिल्ली पुलिस को 6 गायब बच्चों का पता लगाने का आदेश देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि," दिल्ली पुलिस बच्चों को कहीं से भी ढूंढ कर लाये साथ ही जांच अधिकारी को कार्य योजना की रूपरेखा के साथ कोर्ट में पेश होने का आदेश भी दिया है। कोर्ट ने यह भी पूछा कि आपकी कार्यवाही कैसी चल रही है और बाल तस्करी रैकेट के सरगना या उनके रिश्तेदारों को पकड़ने का आदेश भी दिया।

दिल्ली में बच्चों के अपहरण और खरीद फरोख्त के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रवैया अपनाया है। सुनवाई के दौरान जस्टिस पादरीवाला ने कहा कि,"कोई किसी व्यक्ति की हत्या करता है तो उसके पीछे कोई वजह होती है एक हत्या के बाद वह दूसरी हत्या भी करता है लेकिन जो बच्चों को किडनैप करके बेचते हैं वह बार-बार यह अपराध करते हैं। यह ज्यादा खतरनाक है।" वहीं दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि कुछ बच्चे ऐसे हैं जो चोरी नहीं किए गए हैं बल्कि उनके माता-पिता ने ही उन्हें बेच दिया है।

इसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बच्चों को बेचने वालों और खरीदने वाले दोनों ही अपराधी हैं। कोर्ट ने कहा कि अगर बच्चे मिल जाते हैं और उनके पेरेंट्स उन्हें वापस रखने को तैयार नहीं है तो जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।

चाइल्ड ट्रैफिकिंग पर कोर्ट ने जताई गहरी चिंता

जेबी पारदीवाला ने दिल्ली में बच्चों को खरीदने और बेचने वाले गिरोह पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने टिप्पणी करते हुए कहा कि, "यह बहुत चौंकाने वाला है। पीठ ने कहा," दिल्ली के भीतर और बाहर एक बड़ा गिरोह खतरनाक तरीके से काम कर रहा है, जो तस्करी किए गए शिशुओं और बच्चों को विभिन्न राज्यों में 5 से 10 लाख रुपये तक में बेच रहा है।"

गौरतलब है कि सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में बाल तस्करी से जुड़े 13 आरोपियों की जमानत रद्द कर दी है। कोर्ट ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि," ऐसे अपराधों को रोकने के लिए कड़े और सख्त कदम उठाने की जरूरत है।" इसके ज़रिये सुप्रीम कोर्ट ने बाल तस्करी के खिलाफ एक मजबूत संदेश भी दिया है।

Shivam Srivastava

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