TRENDING TAGS :
वक्फ कानून पर SC के फैसले में आया बड़ा ट्विस्ट, एक झटके पलट गई पूरी बाजी, हार में बदली मुस्लिम की जीत
सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 पर अंतरिम फैसला सुनाया, जिसमें मुस्लिम पक्षकारों की शुरुआती 'जीत' उलझन में बदल गई। कोर्ट के फैसले ने एएसआई सर्वेक्षण और लिमिटेशन एक्ट जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर रोक नहीं लगाई, जिससे वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा चुनौतीपूर्ण हो गई।
SC verdict on Waqf Act latest update: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 पर एक बड़ा और महत्वपूर्ण अंतरिम फैसला सुनाया, जिसने पहले खुशी और फिर गहरी चिंता पैदा कर दी। सुबह जब कोर्ट ने कुछ प्रावधानों पर रोक लगाई, तो जमीयत उलमा-ए-हिंद, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और मौलाना कल्बे जव्वाद जैसे मुस्लिम संगठनों ने इसे अपनी जीत बताते हुए खुशी मनाई। लेकिन, जब अदालत की वेबसाइट पर 128 पन्नों का विस्तृत फैसला अपलोड हुआ, तो मुस्लिम पक्षकारों के चेहरों का रंग उड़ गया। जिस फैसले को वे 'जीत' मान रहे थे, अब वही उन्हें अपने खिलाफ लगने लगा है। यह घटनाक्रम भारतीय राजनीति और मुस्लिम समाज में एक नई हलचल पैदा कर रहा है।
'जीत' का भ्रम और 'हार' का सच
दरअसल, मुस्लिम पक्षकारों ने कोर्टरूम में केवल फैसले के कार्यकारी हिस्से को सुना था। उन्हें लगा कि सुप्रीम कोर्ट ने कई विवादास्पद धाराओं पर रोक लगा दी है। एम.आर. शमशाद, जो मुस्लिम पक्ष के वकीलों में से एक हैं, ने बताया कि "जब हमने पूरा निर्णय पढ़ा तो बात कुछ और ही निकली।" उन्होंने कहा कि "कोर्ट के फैसले में शुरू में हमें लगा कि कलेक्टर की शक्तियों पर रोक लगा दी गई है। यह स्वागत योग्य है। लेकिन जो निर्णय आया है उसमें लिखे तथ्य तो हमें परेशान करने वाले लगते हैं।" पूरे फैसले को पढ़ने के बाद पता चला कि कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर, जिन्हें वे अपने पक्ष में मान रहे थे, अदालत ने पूरी तरह से रोक नहीं लगाई है। यह उनके लिए एक बड़ा झटका था।
'ASI सर्वेक्षण' और 'लिमिटेशन एक्ट' पर 'झटका'
जिन मुद्दों पर मुस्लिम पक्षकारों को सबसे ज्यादा निराशा हुई, वे हैं:
एएसआई सर्वेक्षण पर रोक नहीं: एम.आर. शमशाद ने बताया कि एएसआई सर्वेक्षण के तहत वक्फ संपत्तियों को गैर-वक्फ बनाने पर अदालत ने कोई रोक नहीं लगाई है। उन्होंने कहा कि "प्रथम दृष्टया, वहाँ एक अंतरिम टिप्पणी थी," लेकिन अंतिम निष्कर्ष चिंताजनक है।
लिमिटेशन एक्ट का मुद्दा: शमशाद ने बताया कि कानून में पहले कहा गया था कि 'लिमिटेशन एक्ट' वक्फ पर लागू नहीं होगा। इसका मतलब था कि अगर कोई वक्फ संपत्ति पर 12 साल तक कब्जा कर लेता है, तो भी उस पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है। यह वक्फ संपत्तियों को बचाने के लिए था। लेकिन अब 'लिमिटेशन एक्ट' को हटाने का निष्कर्ष आया है, जिससे वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करना आसान हो जाएगा। शमशाद ने कहा कि "यह एक ऐसा मुद्दा है, जहाँ कोर्ट का ऐसा नज़रिया हमारे लिए समस्या बढ़ाएगा।"
ओवैसी का 'आक्रोश' और 'गंभीर' सवाल
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने भी पहले कोर्ट के फैसले का स्वागत किया, लेकिन बाद में पूरे फैसले को पढ़कर अपना रुख बदल दिया। उन्होंने कहा कि "वक्फ संशोधन अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट का अंतरिम आदेश भी वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा नहीं कर पाएगा।"
ओवैसी ने कई गंभीर सवाल उठाए
कलेक्टर की शक्तियां: ओवैसी ने कहा कि कोर्ट ने कलेक्टर के वक्फ संपत्तियों की जाँच के प्रावधान पर रोक लगा दी है, लेकिन कलेक्टर के पास अभी भी सर्वेक्षण करने का अधिकार है।
गैर-मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति: ओवैसी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सीईओ की नियुक्ति के लिए कहा था कि "जहाँ तक संभव हो, यह एक मुस्लिम होना चाहिए।" इस पर ओवैसी ने तंज कसते हुए कहा कि "एक पार्टी जो किसी मुस्लिम को सांसद का टिकट नहीं देती, क्या वह एक मुस्लिम अधिकारी चुनेगी?" उन्होंने इसे धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन भी बताया।
मुस्लिम होने की शर्त: ओवैसी ने कहा कि कोर्ट ने उस प्रावधान पर पूरी तरह से रोक नहीं लगाई है जिसके तहत किसी व्यक्ति को वक्फ बनाने के लिए 5 साल तक मुस्लिम होना ज़रूरी है। उन्होंने पूछा कि संविधान के अनुसार मैं अपनी संपत्ति जिसे चाहूँ उसे दे सकता हूँ, फिर इस्लाम धर्म के अनुयायियों के लिए ऐसा प्रावधान क्यों किया गया है?
यह मामला अब सिर्फ कानूनी नहीं, बल्कि एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया है। मुस्लिम पक्षकारों की निराशा और ओवैसी के तीखे सवालों ने मोदी सरकार को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है। अब सभी की निगाहें इस मामले की अंतिम सुनवाई पर टिकी हैं, जो इस 'सियासी' और 'धार्मिक' संग्राम का अंतिम फैसला करेगी।
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!