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Nuh Tablighi Jamaat: तब्लीगी जमात जलसा आज से शुरू, बीफ बिरयानी पर लगी रोक, जानें अन्य जरूरी बातें
Nuh Tablighi Jamaat: हरियाणा के नूंह जिले में तब्लीगी जमात का आयोजन होने जा रहा है। जिसकी तैयारियां पूरी हो गई है।
Nuh Tablighi Jamaat: हरियाणा के नूंह में आज 19 अप्रैल से तब्लीगी जमात का जलसा शुरू होने वाला है। यह जलसा 3 दिन तक नूंह जिले के फिरोजपुर झिरका शहर में आयोजित किया जाएगा, जिसमें 5 लाख लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। इस जलसे की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। इसमें तब्लीगी जमात के अमीर मौलाना साद भी शिरकत करेंगे, जो हिंदुस्तान में अमन, शांति और तरक्की की दुआ करेंगे।
जलसे की तैयारियां
तब्लीगी जमात के इस जलसे में बिजली, पानी, सड़क, स्वास्थ्य, दमकल, पार्किंग समेत सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। वहीं जिला प्रशासन भी जलसे की तैयारी कर रहा है। फिरोजपुर झिरका के एसडीएम लक्ष्मी नारायण ने आयोजन कमेटी के साथ-साथ उपमंडल के अधिकारियों से बातचीत की और जलसे में हुई तैयारियों का जायजा लिया।
बता दें कि जलसे के लिए 21 एकड़ के एरिया में टेंट लगाया गया है। जिसमें 5 लाख से ज्यादा लोग शिरकत करेंगे। साथ ही 100 एकड़ से ज्यादा की जमीन को बैठने के लिए रिजर्व किया गया है। जलसे को ठीक से मैनेज करने के लिए तब्लीगी जमात की तरफ से 1000 से ज्यादा वॉलिंटियर लगाए गए हैं। वहीं ट्रैफिक व्यवस्था और पार्किंग के इंतजाम के लिए पुलिस विभाग की टीम मौजूद रहेगी।
बीफ बिरयानी पर लगाई गई रोक
जलसा कमेटी ने बिरयानी बेचने वालों को भी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि जलसे में वेज बिरयानी बेचने की कोशिश करें। और अगर नॉन वेज बिरयानी बेचनी है तो इसमें सिर्फ चिकन ही अलाउड है। अगर कोई बीफ बिरयानी बेचते हुए पाया गया तो पुलिस विभाग उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकेगा।
जलसा कमेटी की तरफ से नियुक्त मीडिया कोऑर्डिनेटर रफीक मास्टर ने कहा कि पिछली बार राजस्थान के मेवात क्षेत्र में जलसा का आयोजन किया गया था। राजस्थान, यूपी और दिल्ली सहित कई राज्यों में मेवात के नाम से ही जलसा होता है। इस बार जलसे के लिए नूंह जिले के फिरोजपुर झिरका का चयन किया गया है। यहां से 60 किलोमीटर अलवर, 60 किलोमीटर कामां और 60 किलोमीटर पर ही सोहना जैसी जगहें हैं, जहां मेवात रहते हैं। यहां से कई लोग जलसे में शामिल हो सकते हैं।
क्या है तब्लीगी जमात?
तब्लीगी जमात का मकसद इस्लाम का प्रचार-प्रसार करना है। इसकी स्थापना साल 1926 में दिल्ली के निजामुद्दीन में हुई थी, जिसके संस्थापक मौलाना इलियास कांधलवी थे। तब्लीगी जमात के 6 सिद्धांत होते हैं। पहला कलमा यानी अल्लाह के अलावा कोई और ईश्वर नहीं और मोहम्मद उनके पैगंबर हैं। दूसरा सलात यानी सभी मुसलमानों को 5 वक्त की नमाज पढ़ना जरूरी है। तीसरा इल्म-ओ-जिक्र यानी इमाम के जरिए कुरआन शरीफ की बातें लोगों तक पहुंचाना। चौथा इकराम-ए-मुस्लिम यानी मुसलमान सब्र और इज्जत से पेश आए। पांचवा इख्लास-ए-नियत यानी कुरआन शरीफ में लिखी गई बातों को मानना। छठां दावत-ए-तब्लीग यानी समय निकालकर इस्लाम धर्म को सीखना और उसका प्रचार करना।