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Teacher's Day 2022: कैसे बने अलख पांडे और आरके श्रीवास्तव देश के चर्चित शिक्षक ?
Teacher's Day 2022: एक समय था जब पढ़ने के लिए उम्मीदों का दिया जलाने की चाहत लेकर दर-दर की ठोकर खाता रहा, कोई उन प्रतिभा के लिए आगे आने का नाम नहीं ले रहा था।
अलख पांडे और आरके श्रीवास्तव (photo: social media )
Happy Teacher's Day 2022: शिक्षक दिवस के अवसर पर हर शिक्षक का सम्मान होना चाहिए,प्रत्येक वर्ष देश में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है । आइए हम बात कर रहे हैं देश के दो प्रसिद्ध शिक्षक के बारे में जो लाखों युवाओं के रोल मॉडल बन चुके हैं।
एक समय था जब पढ़ने के लिए उम्मीदों का दिया जलाने की चाहत लेकर दर-दर की ठोकर खाता रहा, कोई उन प्रतिभा के लिए आगे आने का नाम नहीं ले रहा था। हम बात कर रहे देश के दो चर्चित शिक्षक आरके श्रीवास्तव और अलग पांडे के बारे में, एक शिक्षक ₹1 गुरु दक्षिणा में पढ़ाकर इंजीनियर बना रहा है तो दूसरा शिक्षक यूट्यूब से अपना कैरियर शुरू करके आज अरबपति बन चुका है।
हम बात कर रहे हैं देश के मशहूर शिक्षकों में शुमार फिजिक्स के शिक्षक अलख पांडे और मैथमेटिक्स गुरु आरके श्रीवास्तव के बारे में, भारत के इन 2 शिक्षकों की जीवनशैली काफी प्रेरणादायक है। इनके फर्श से अर्श तक पहुंचने की कहानी सभी के लिए इंस्पिरेशन है।
अलख पांडे
अलख पांडे की पढ़ाई के लिए कभी पिता को घर बेचना पड़ा था और फिर किराए के मकान से शुरू हुआ सफलता की कहानी, अलख पांडे वर्ष 2015 में अपने किराए के मकान से यूट्यूब पर वीडियो बनाकर फिजिक्स पढ़ाना शुरू किया, धीरे-धीरे यह कारवां बढ़ता गया और सब्सक्राइबर्स की संख्या कुछ ही वर्षों में मिलियन में पहुंच गया। और स्टूडेंट के बीच में "फिजिक्स वाल्लाह" शिक्षक के नाम से मशहूर हो गए। आज अलग पांडे की कंपनी देश के 101वे यूनिकॉर्न कंपनी की लिस्ट में होने का गौरव प्राप्त किया है।
आइए अब बात करते हैं देश के दूसरे मशहूर शिक्षक जो आज भी ₹1 गुरु दक्षिणा में पढ़ाकर आर्थिक रुप से गरीब स्टूडेंट्स को इंजीनियर बना रहे हैं। उन्होंने अपना नाम ऐसा बनाया कि गूगल पर "मैथमेटिक्स गुरु" सर्च करने पर सबसे ऊपर आरके श्रीवास्तव का नाम आता है।
इसके अलावा गूगल पर "best teacher of bihar"सर्च करने पर आरके श्रीवास्तव का ही नाम टॉप पर आता है। ऑटो रिक्शा वाले से मैथमेटिक्स गुरु आरके श्रीवास्तव बनने तक का सफर काफी प्रेरणादायक है। 5 वर्ष की उम्र में जब आरके श्रीवास्तव पेंसिल पकड़कर " "क, ख, ग, घ" लिखना जब शुरू किया तो पिता पारसनाथ लाल इस दुनिया को छोड़ कर चले गए, धीरे-धीरे जैसे ही परिवार इस गम को भूल पाने की कोशिश करता कि अचानक कुछ वर्षों के बाद पिता तुल्य आरके श्रीवास्तव के बड़े भाई शिव कुमार श्रीवास्तव अचानक से इस दुनिया को छोड़ कर चले गए। बहुत कम उम्र में ही आरके श्रीवास्तव के कंधों पर तीन भतीजीयों और एक भतीजे को पढ़ाने लिखाने का दायित्व आ गया, लेकिन एक कहावत है कि हर अंधेरे के बाद उजाला जरूर आता है।
कौन है आरके श्रीवास्तव
बिहार के एक शिक्षक के पढ़ाने का तरीका दुनियाभर में मशहूर हो रहा है और लोगों की प्रशंसा बटोर रहा है। सोशल मीडिया पर भी अपने शैक्षणिक कार्यशैली के लिए रोहतास जिले के बिक्रमगंज के आरके श्रीवास्तव खूब सुर्खिया इकठ्ठा कर रहे हैं। इनके द्वारा चलाया जा रहा गणित का नाइट क्लासेज अभियान और कबाड़ की जुगाड़ से गणित पढाना पूरे देश मे चर्चा का विषय बना हुआ है। आर के श्रीवास्तव का नाम वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड मे भी दर्ज है। इन्होने बच्चों को गणित की क्रियात्मक शिक्षा देने की एक अनोखी पहल शुरू की है। पूरी रात भर लगातार 12 घंटे गणित पढ़ाने की कला देश में चर्चा का विषय बना हुआ है।
सिर्फ ₹1 गुरु दक्षिणा में पढ़ाकर अभी तक 545 आर्थिक रुप से गरीब स्टूडेंट्स को इंजीनियर बना चुके हैं और आगे यह कारवां जारी भी है। देश के राष्ट्रपति रह चुके माननीय रामनाथ कोविंद सहित देश के कई चर्चित सेलिब्रिटी आरके श्रीवास्तव के शैक्षणिक कार्यशैली की प्रशंसा कर चुके हैं। आरके श्रीवास्तव हमेशा अपने सफलता का योगदान अपने परिवार को देते हैं और बताते हैं कि मां और भाभी के संघर्षों का मेरे सफलता में योगदान अतुलनीय है उसका शब्दों में वर्णन नहीं किया जा सकता है।
बिहार में एक ऐसे मैथमेटिक्स गुरु हैं जो गरीब बच्चों को महज 1 रुपए में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करवाते हैं। यही नहीं करीब 545 स्टूडेंट्स को अब तक इंजीनियर भी बना चुके हैं। हम बात कर रहे हैं रोहतास जिले के बिक्रमगंज निवासी आरके श्रीवास्तव की ,वे गूगल बॉय नाम से प्रसिद्ध कौटिल्य को भी पढ़ाते हैं। महज 35 की उम्र में वे देश और दुनिया भर में प्रसिद्ध हो चुके हैं।
आरके श्रीवास्तव 2008 से ही इंजीनियरिंग की पढ़ाई करा रहे हैं।
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