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Pan-Masala-Gutkha Ban: तेलंगाना का अच्छा कदम - पान, मसाला और गुटखा पर बैन लगाया
Pan-Masala-Gutkha Ban: तेलंगाना सरकार ने पान, मसाला और गुटखा पर बैन लगा दिया है। गुटखा और पान मसाला खतरनाक माने जाने वाले धुआं रहित तंबाकू उत्पाद हैं।
Pan-Masala-Gutkha Ban: तेलंगाना राज्य सरकार ने 24 मई से गुटखा और पान मसाला पर एक साल का प्रतिबंध लगा दिया है। तेलंगाना के खाद्य सुरक्षा आयुक्त द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार तम्बाकू और निकोटीन युक्त गुटखा और पान मसाले का निर्माण, भंडारण, वितरण, परिवहन और बिक्री पूरे राज्य में मसाला प्रतिबंधित कर दिया गया है।
प्रतिबंध इन उत्पादों के पाउच, पैकेज और कंटेनर सहित सभी रूपों में लागू होता है। गुटखा और पान मसाला खतरनाक माने जाने वाले धुआं रहित तंबाकू उत्पाद हैं। सरकार ने कहा है कि इस बैन का उद्देश्य इन खतरनाक उत्पादों के उपयोग पर रोक लगाकर सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा करना है।
क्या हुआ असर?
बैन के आदेश के चलते बाजारों में हलचल मच गई है। तेलंगाना के पान शॉप ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहम्मद सलाहुद्दीन दखनी ने कहा कि तेलंगाना में लगभग 1.5 लाख पान की दुकानें हैं। हम गुटखा पर प्रतिबंध लगाने का समर्थन करते हैं और कई दुकानों ने पहले ही इसकी बिक्री बंद कर दी है।
हालाँकि, हम अधिकारियों से चबाने वाले तंबाकू और जर्दा को छूट देने का अनुरोध करते हैं, क्योंकि लाखों परिवार अपनी आजीविका के लिए इन बिक्री पर निर्भर हैं। सलाहुद्दीन ने कहा कि उनके संघ ने पहले इस मुद्दे पर तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया को ज्ञापन सौंपा था। उन्होंने कहा कि राज्य भर में कई पान दुकानों के बाहर भी पोस्टर लगे हुए हैं कि वे गुटखा नहीं बेचते हैं।
स्वागत किया
डॉक्टरों ने कहा है कि गुटखा और पान मसाला पर प्रतिबंध एक महत्वपूर्ण कदम है। इन उत्पादों में तंबाकू और सुपारी जैसे हानिकारक तत्व होते हैं, जिससे मुंह के कैंसर का खतरा आठ गुना तक बढ़ जाता है। इन कार्सिनोजेन्स को बाजार से हटाकर सरकार नागरिकों की रक्षा कर रही है और कैंसर को रोक रही है। इस उपाय से मुंह के कैंसर के मामलों में काफी कमी आएगी, जिंदगियां बचेंगी।