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ट्रिपल तलाक : AIMPLB की आपात बैठक रविवार को लखनऊ में
लखनऊ : तीन तलाक के मुद्दे पर ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की आपात बैठक रविवार को लखनऊ में होने जा रही है। संसद में ट्रिपल तलाक को लेकर पेश होने वाले बिल से पहले आपात बैठक में बोर्ड के सभी मेम्बर्स को आने के लिए कहा गया है।
मौलाना राबे हसनी नदवी की अध्यक्षता में हंगामेदार बैठक होने की संभावना जताई जा रही है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने एक बार में तीन तलाक यानि तलाक-ए-बिद्दत के खिलाफ विधेयक तैयार करने में मुस्लिम संगठनों से कोई विचार-विमर्श नहीं किया है। सरकार का मानना है कि यह मुद्दा लैंगिक न्याय, लैंगिक समानता और महिलाओं की गरिमा की मानवीय अवधारणा से जुड़ा हुआ है।
मोदी सरकार ने ट्रिपल तलाक विधेयक का मसौदा तैयार करने में मुस्लिम संगठनों के साथ विचार-विमर्श नहीं किया है।अब बोर्ड ने संसद में पेश होने वाले ट्रिपल तलाक विधेयक पर विचार विमर्श करने के लिए लखनऊ में आपात बैठक बुलाई है। बैठक में ट्रिपल तलाक को लेकर बनाये जा रहे कानून में मुस्लिम संगठनों के साथ कोई विचार विमर्श नहीं किया है।बैठक में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष मौलाना डा कल्बे सादिक बीमारी के चलते नहीं शामिल होंगे।
संसद में ट्रिपल तलाक को रोकने के मकसद से ट्रिपल तलाक बिल को पेश किया जाना है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार तीन तलाक को संज्ञेय और गैर जमानती अपराध बनाने के लिए इस विधेयक को पेश करने जा रही है। इस विधेयक में एक बार में तीन तलाक देने वाले को तीन साल तक की कैद और जुर्माने का प्रावधान है।
तीन तलाक विधेयक पर पिछले सप्ताह ही कैबिनेट ने मंजूरी दी थी। बीजेपी ने अपने सभी सांसदों को विधेयक पेश करते वक्त लोकसभा में मौजूद रहने को कहा है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 22 अगस्त को एक बार में तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) के चलन को निरस्त कर दिया था। केंद्र सरकार का मानना है कि उच्चतम न्यायालय ने एक बार में तीन तलाक को अवैध करार दिया, बावजूद इस के ट्रिपल तलाक़ के 66 मामले सामने आए हैं। ऐसे में सरकार इसे लैंगिक न्याय, लैंगिक समानता और महिलाओं की गरिमा की मानवीय अवधारणा से जुड़ा बता रही है, इसमें आस्था और धर्म का कोई संबंध नहीं है।
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