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मुर्शिदाबाद हिंसा पर VHP का तीखा-वार: बंगाल में ही क्यों होते हैं हिंदुओं पर हमले? एनआईए जांच की मांग
Murshidabad violence: वीएचपी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि देश में किसी न किसी मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन होते रहते हैं, लेकिन बंगाल में विरोध के नाम पर सिर्फ हिंदुओं को निशाना बनाना एक चिंताजनक चलन बन गया है।
Alok Kumar (photo: social media )
Murshidabad violence: विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हाल ही में हुई हिंसक घटनाओं जिसमें हिंदुओं की हत्या, आगजनी, लूटपाट और बड़े पैमाने पर पलायन को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने सवाल उठाया है कि देशभर में विरोध प्रदर्शन होते हैं, पर हर बार व्यापक हिंसा और हिंदुओं पर हमले केवल बंगाल में ही क्यों होते हैं।
विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने इस समूची घटना की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से कराए जाने की मांग करते हुए कहा कि मालदा में राहत शिविरों में रहने को मजबूर हिंदू समाज की सहायता के लिए आगे आने वाले संगठनों को सेवा से रोकना बेहद अमानवीय कदम है।
न्याय और सुरक्षा की उठाई मांग
वहीं विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने राज्य सरकार के रवैये पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी स्वयं यह स्वीकार कर चुकी हैं कि यह हिंसा पूर्व नियोजित थी, और इसमें बांग्लादेशी घुसपैठियों का हाथ हो सकता है। लेकिन जब मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर का है तो फिर वे इसकी जांच एनआईए से क्यों नहीं करवाना चाहतीं हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि पीड़ित हिंदू परिवारों को न्याय मिलना चाहिए और दोषी जिहादी हमलावरों को कठोर दंड दिया जाना चाहिए। जिनकी संपत्तियां जलाई या लूटी गई हैं, उन्हें तत्काल मुआवजा दिया जाना चाहिए, और पूरे राज्य में हिंदू समाज को पर्याप्त सुरक्षा दी जानी चाहिए।
बंगाल में विरोध के नाम पर हिंदुओं को बनाया जा रहा निशाना: विहिप
वीएचपी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि देश में किसी न किसी मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन होते रहते हैं, लेकिन बंगाल में विरोध के नाम पर सिर्फ हिंदुओं को निशाना बनाना एक चिंताजनक चलन बन गया है। उन्होंने इसे सरकारी उदासीनता और सत्ताधारी दल के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष समर्थन का परिणाम बताया। उन्होंने मांग की कि इस बात की भी जांच होनी चाहिए कि आखिर क्यों प्रदर्शनकारियों का गुस्सा सिर्फ हिंदू समाज पर ही फूटता है।
राहत कार्यों में भी रोक, शासन पर लगाया मानवता से खिलवाड़ का आरोप
विहिप अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि मालदा में निर्वासित जीवन जी रहे हिंदू शरणार्थियों की मदद के लिए जो समाजसेवी संस्थाएं आगे आई थीं। उन्हें भी राज्य प्रशासन ने सहायता देने से रोक दिया। उन्होंने कहा कि सरकार कह रही है कि राहत सामग्री हमें दो, हम खुद बांटेंगे। यह कैसा व्यवहार है अगर सरकार स्वयं मदद कर रही होती, तो समाजसेवी संस्थाओं को आगे आने की आवश्यकता ही नहीं पड़ती, यह स्पष्ट रूप से मानवता से खिलवाड़ है।
सरकार पीड़ितों को जबरन वापस भेज रही: जान जोखिम में डालने का आरोप
विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने दावा किया कि कई पीड़ित हिंदू परिवारों को सरकार अब जबरन मुर्शिदाबाद वापस भेजने की कोशिश कर रही है, जबकि वे खुद वहां जाने से इनकार कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक केंद्रीय बलों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं होती, वे अपने परिवार की जान खतरे में नहीं डाल सकते। उन्होंने कहा कि सरकार का यह कदम हिंदुओं को जिंदा मारने जैसा है और इस पर तत्काल पुनर्विचार किया जाना चाहिए।