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Maharashtra CM: जब भी CM चुनने में BJP को लगा समय, तब सरप्राइज चेहरों ने चौंकाया
Maharashtra CM: साल 2014 के बाद मुख्यमंत्री के नाम के चयन में जब भी बीजेपी ने ज्यादा का वक्त लगाया है। तब-तब मुख्यमंत्री पद की कुर्सी पर सरप्राइज चेहरे की ही एंट्री हुई है।
भाजपा ने जब सीएम चुनने में लगाया समय तो सरप्राइज चेहरे की हुई एंट्री (न्यूजट्रैक)
Maharashtra New CM : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे को आए छह दिन हो गये हैं। लेकिन अभी महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री कौन बनेगा। इस पर सस्पेंस बरकरार है। यह माना जा रहा है कि महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी का ही नेता मुख्यमंत्री पद की कुर्सी पर बैठेगा। दिल्ली से लेकर मुंबई में कई नेताओं के नाम सीएम पद की रेस में चल रहे हैं। लेकिन किसी भी नाम पर मुहर अभी तक नहीं लग सकी है। सियासी गलियारों में देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री बनने की चर्चा है।
वहीं एकनाथ शिंदे ने भी यह कह दिया है कि भाजपा नेतृत्व जो भी निर्णय लेगा। वह उससे सहमत हैं। इसके बाद भी मुख्यमंत्री कौन बनेगा। इस पर अभी भी रहस्य ही है। लेकिन ऐसा पहली बार नहीं जब भाजपा नेतृत्व को सीएम पद के लिए दावेदार चुनने में समय लगा हो। इससे पहले भी जब कभी चुनाव नतीजे आने के बाद सीएम का नाम तय करने में भाजपा को समय लगा है।
तब-तब उस नाम ने सभी को चौंकाया है। साल 2014 के बाद मुख्यमंत्री के नाम के चयन में जब भी बीजेपी ने ज्यादा का वक्त लगाया है। तब-तब मुख्यमंत्री पद की कुर्सी पर सरप्राइज चेहरे की ही एंट्री हुई है। वहीं इसके उलट जिस जगह भाजपा को सीएम चुनने में बिल्कुल भी वक्त नहीं लगा। वहां चर्चा में चल रहा नाम ही रिपीट हुआ है।
साल 2024 में भारतीय जनता पार्टी को ओडिशा में सरकार बनाया। यह भी भाजपा नेतृत्व को मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए दावेदार चुनने में आठ दिन का समय लग गया। सीएम पद के लिए धर्मेंद्र प्रधान और मनमोहन सांबल का नाम खूब चर्चा में रहा। लेकिन बीजेपी ने सीएम कुर्सी पर मोहन मांझी को बिठाया। मोहन मांझी आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं।
इसी तरह बीते साल 2023 में भारतीय जनता पार्टी को राजस्थान में भारी जीत हासिल हुई। लेकिन वहां भी भाजपा को मुख्यमंत्री चुनने में काफी समय लग गया। आखिरकार नौ दिन बाद राजस्थान में भाजपा ने जिस नाम पर मुहर लगायी। उस नाम को किसी ने सोचा भी नहीं था। भाजपा ने भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाया। वहीं सीएम की रेस में वसुंधरा राजे, किरोडी लाल मीणा समेत कई बड़े नाम चर्चा में चल रहे थे।
वहीं साल 2023 में ही भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश में भी शानदार वापसी की। लेकिन वहां भी भाजपा ने सीएम का नाम तय करने में आठ दिन का समय लगाया और मोहन यादव के नाम पर मुहर लगाकर सभी को चौंका दिया।
2023 में ही छत्तीसगढ़ में भी भाजपा का परचम लहराया। भाजपा की जीत के बाद सभी यह कयास लगा रहे थे कि रमन सिंह और अरूण साव में से ही कोई एक नेता सीएम पद की कुर्सी पर बैठेगा। लेकिन भाजपा ने सात दिन बाद विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री बना सभी को हैरत में डाल दिया।
साल 2017 में भारतीय जनता पार्टी को उत्तर प्रदेश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने का अवसर मिला। भाजपा की जीत होने के बाद सभी की निगाहें सीएम के दावेदार पर थी। राजनीतिक गलियारों में सीएम पद के कई दावेदार के नामों की चर्चा तेज थी। कोई मनोज सिन्हा तो कोई केशव प्रसाद मौर्य को मुख्यमंत्री बनाने का दावा कर रहा था। पूरे नौ दिन भाजपा को सीएम चुनने में लग गये। इसके बाद भाजपा ने एक नया चेहरा सीएम कुर्सी के लिए तय कर दिया। वह नाम था योगी आदित्यनाथ का। योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने के ऐलान होने के बाद सभी दंग रह गये थे।
साल 2017 में ही उत्तर प्रदेश के साथ उत्तराखंड में भी भाजपा को ऐतिहासिक जीत मिली। भाजपा की जीत के बाद भगत सिंह कोश्यारी, बीसी खंडूरी और रमेश पोखरियाल निशंक जैसे नेताओं के नाम मुख्यमंत्री पद के लिए चलने लगे। लेकिन पूरे आठ दिन के मंथन के बाद भाजपा ने सीएम पद की कुर्सी पर त्रिवेंद्र सिंह रावत को बिठाया था।
इसी तरह साल 2014 में भारतीय जनता पार्टी को महाराष्ट्र में जबरदस्त जीत मिली। शरद पवार की पार्टी एनसीपी ने भाजपा को बाहर से समर्थन दिया। उस समय भी भाजपा ने सात दिन की लंबी कवायद के बाद देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाया। देवेंद्र फडणवीस उस समय भाजपा प्रदेष अध्यक्ष थे। जिस वक्त भाजपा नेतृत्व ने फडणवीस को सीएम बनाया। उस समय नितिन गडकरी, पंकजा मुंडे और विनोद तावड़े समेत कई प्रबल दावेदारों के नामों की चर्चा तेजी से चल रही थी।
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