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इनकी तो भगवान भी नहीं सुनता, आंधी ने उजाड़े गरीबों के आशियाने
जांजगीर: छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में शनिवार रात की आंधी ने गरीबों के आशियाने ही उजाड़ दिए। आंधी इतनी जोरदार थी कि गांव के लगभग दर्जन भर मकानों को अपनी चपेट में ले लिया और छप्पर समेत दीवारें भी गिरा दीं। बेघर हो चुके लोग अब खुले आसमान के नीचे रहने को बेबस हैं।
गांव में बिजली आपूर्ति बुरी तरह चरमरा गई। कुछ जगहों पर पेड़ गिरने से घर तबाह होने की भी खबर है। इस घटना के बाद राजस्व अमला ग्रामीणों को हुए नुकसान का आकलन करने में जुटा हुआ है।
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अचानक आई आंधी से गांव कौड़िया और आस-पास के गांवों में घरों के छप्पर हवा में उड़ गए। पेड़ के गिरने से कई घर तबाह हो गए। इस गांव में ऐसा ही मंजर 26 मई को भी देखा गया था। अचानक आई तेज आंधी से गरीबों के आशियाने उजड़ गए थे और वृद्धा भूरीबाई (75) बाल-बाल बची थी।
अत्यंत गरीबी से जूझ रही भूरीबाई अपने पोते के साथ छोटे से घर में रहती थी। उसका बेटा कमाने के लिए बाहर चला गया है। गांव के बिरिच, साहेबलाल, फिरतराम, फूलसाय और लटियाडीह के नेहरू व बोधीलाल का घर तेज हवा में उजड़ गया। ग्रामीण अपने आशियाने को फिर कैसे खड़ा करेंगे, इस सोच में पड़े हैं।
ग्राम पंचायत लटियाडीह की सरपंच बरतबाई कांत ने कहा, "शनिवार की रात अचानक आई आंधी से कई गरीबों के घर उजड़ गए हैं। भारी नुकसान हुआ है, इसकी जानकारी राजस्व विभाग को दे दी गई है।"
वहीं, डभरा के तहसीलदार नीलम टोप्पो ने कहा कि कुछ गांवों में तेज आंधी के चलते कच्चे मकान के छप्पर उड़ने और पेड़ गिरने की घटना की जानकारी मिली है। आरआई व पटवारी को संबंधित गांवों में हुई क्षति का आकलन करने को कहा गया है। इसके बाद आर्थिक सहायता मंजूर की जाएगी।
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