इलाहाबाद HC के जज नहीं लेंगे गर्मी की छुट्टी, जून में भी करेंगे सुनवाई

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Published on: 29 April 2016 10:54 PM IST
इलाहाबाद HC के जज नहीं लेंगे गर्मी की छुट्टी, जून में भी करेंगे सुनवाई
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इलाहाबाद: सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस टी­ एस ­ठाकुर के अनुरोध को स्वीकार कर गर्मियों की छुट्टियों में भी केसों की सुनवाई करने को इलाहाबाद हाईकोर्ट के 68 जजों ने सहमति दी है। ऐसा करने वाला इलाहाबाद हाईकोर्ट देश का पहला हाईकोर्ट है। चीफ जस्टिस डॉ. ­डी ­वाई ­चंद्रचू्ड़ की पहल पर हाईकोर्ट के 68 जजों ने गर्मी की छुट्टियों में भी न्यायिक काम करने की अपनी सहमति दी है।

CJI ने की चीफ जस्टिस डॉ. ­डी ­वाई ­चंद्रचू्ड़ की सराहना

CJI टी­ एस ­ठाकुर ने इसके लिए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ. ­डी ­वाई ­चंद्रचू्ड़ की सराहना की है। हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के जारी पत्र के मुताबिक चीफ जस्टिस ने हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के वरिष्ठ सदस्यों और सीनियर जजों से भी गर्मी की छुट्टी में न्यायिक काम करने की सहमति ली है।

बार के पदाधिकारियों और सीनियर जजों के साथ इस संबंध में चीफ जस्टिस की मीटिंग में निर्णय लिया गया है कि गर्मी की छुट्टी के दौरान जेल अपीलों जिसमें अपराधी जेलों में सजा काट रहे हैं और सरकार द्वारा दायर क्रिमिनल अपीलों की सुनवाई जज वरीयता के आधार पर करेंगे। यही नहीं कुछ कोर्ट पुराने क्रिमिनल अपीलों की भी सुनवाई करेगी। इन सभी केसों को नोटिफाई कर दिया जायेगा ताकि वकील अपनी सहमति दे सके।

गर्मी की छुट्टी में कोर्ट काम करेगी

हाईकोर्ट जजों ने पहली बार अपनी 15 दिन की गर्मी की छुट्टी का त्याग किया है। हाईकोर्ट में प्रतिवर्ष गर्मी की छुट्टी 1 जून से 30 जून तक होती है और इस दौरान केवल जरूरी केसों की ही सुनवाई की जाती है। लेकिन इस बार पूरी गर्मी की छुट्टी में कोर्ट काम करेगी और जेल में सजा काट रहे अपराधियों की अपीलों पर सुनवाई करेगी।

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गर्मी की छुट्टियों में काम करने को हूं तैयार : टी एस ठाकुर

-19 मार्च को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के नए भवन का उद्घाटन समारोह में लखनऊ आए जस्टिस ठाकुर ने कहा था कि अगर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अनुरोध करें तो मैं गर्मी की छुट्टियों में भी केस की सुनवाई कराने को तैयार हूं।

-दोनों पक्ष के वकील तैयार होने के बाद मैं संबंधित न्यायाधीश से मुकदमें की सुनवाई करने का निवेदन करुंगा।

-उनका कहना था कि मेरा दावा है अगर गर्मी की छुट्टियों में भी केसों की सुनवाई हो गई तो लंबित केसों में निश्चित कमी होगी।

पीएम मोदी ने भी किया था जिक्र

24 अप्रैल को हुए मुख्यमंत्रियों और हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीशों के संयुक्त अधिवेशन में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने ऐसे ही एक सम्मेलन में भाग लिया था। उन्होंने कहा कि मैंने उस समय अदालतों में छुट्टियों को कम करने , सुबह और शाम के समय अदालतें लगाने का सुझाव दिया था। मोदी की इस बात के बाद लंच के दौरान कुछ जजों ने उनके इस विचार पर सवाल उठा दिए थे।

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