रिहायशी इलाके में 4G टावर पर रोक नहीं, HC ने कहा- गाइडलाइन बनाए सरकार

Admin
Published on: 14 April 2016 9:12 PM IST
रिहायशी इलाके में 4G टावर पर रोक नहीं, HC ने कहा- गाइडलाइन बनाए सरकार
X

इलाहाबाद: हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ टेली कम्युनिकेशन (डॉट) को निर्देश दिया है कि वह दो महीने के भीतर मोबाइल टावरों की जांच करने वाली एजेंसी टर्म सेल (टेलीकॉम इन्फोर्समेंट एंड मॉनीटरिंग) के लिए गाइड लाइन तैयार करे। कोर्ट ने यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि मोबाइल टावर लगाने की जगह जांच का काम सेवा प्रदाता कंपनी के ऊपर ही नहीं छोड़ा जाना चाहिए।

कोर्ट ने कहा- टर्म सेल शिकायतों की जांच में पाई गई जानकारियों को आम जनता से साझा करे। गलत तरीके से टावर लगाने वालों के खिलाफ की गई कार्रवाई की जानकारी भी जनता को दी जाए। इसी प्रकार सेल और उसके अधिकारियों के बारे में जनता को पता होना चाहिए। इसके लिए एक शिकायत निवारण प्रकोष्ठ का गठन किया जाए। लोगों को पता होना चाहिए शिकायत किस से और कहां करनी है। शिकायतों की नियमित रूप से जांच और निगरानी होनी चाहिए।

रिहायशी इलाके में टावर पर रोक की मांग

-कोर्ट आशा मिश्रा बनाम राज्य सरकार की जनहित याचिका में 4 जी मोबाइल टावरों की लगाने से रोकने की मांग को खारिज करते हुए उपरोक्त निर्देश दिए है।

-याचिका में कहा गया था कि मोबाइल टावरों की रिहायशी इलाके में नहीं लगाया जाना चाहिए, क्योंकि इससे मानव स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंचता है।

याचिक में तर्क

याचिका में प्रो. गिरीश कुमार की एक रिपोर्ट का हवाला देकर बताया कि मोबाइल टावर रेडिएशन किस प्रकार से लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रहा है।

-याचिका में यह भी मांग की गई थी कि मोबाइल टावरों की स्थापना को लेकर एक प्रभावी शिकायत प्रकोष्ठ स्थापना की जानी चाहिए।

कोर्ट ने क्या कहा?

-याचिका पर चीफ जस्टिस डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने सुनवाई की।

-कोर्ट ने याची द्वारा उठाई गई आपत्तियों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि याची ऐसा कोई प्रमाणिक वैज्ञानिक साक्ष्य नहीं दे सका, जिससे मोबाइल टावर के रेडिएशन से होने वाले नुकसान का प्रमाण मिल सके।

-कोर्ट ने शिकायत प्रकोष्ठ गठित करने की मांग स्वीकार कर निर्देश दिया है।

Admin

Admin

Next Story

AI Assistant

Online

👋 Welcome!

I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!