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कोविंद के राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही बसपा सुप्रीमो मायावती ने हमले किए तेज
लखनऊ: रामनाथ कोविंद के राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही बसपा ने उन पर हमले तेज कर दिए हैं। महामहिम कोविंद दलित समाज से ताल्लुक रखते हैं और उन्हें भाजपा का समर्थन प्राप्त है। इसलिए बसपा सुप्रीमो मायावती को अपना बेस दलित वोट बैंक खिसकता दिख रहा है। विधानसभा चुनाव में बसपा सुप्रीमो इसका दंश झेल भी चुकी हैं। यही कारण है कि उन्होंने राष्ट्रपति कोविंद के शपथ लेते ही गांधी और अम्बेडकर की प्रतिमा पर फूल नहीं अर्पित करने को भाजपा और एनडीए की अम्बेडकर विरोधी सोच करार दिया है।
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मायावती ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा है कि अच्छा होता यदि शपथ ग्रहण के दिन वह राजघाट पर गांधी जी और संसद परिसर में लगी डॉ. अम्बेडकर की प्रतिमा पर फूल अर्पित करते। पर उन्होंने ऐसा नहीं किया। दलित समाज से ताल्लुक रखने वाले व्यक्ति से यह उम्मीद की ही जा सकती।
मायावती ने कोविंद पर हमला करते हुए कहा है कि वैसे तो वह अपने राजनीतिक जीवनकाल में बीजेपी और आरएसएस की संकीर्ण विचारधारा का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं, पर सरकार में आने के बाद गांधीजी और बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर का नाम लेतेे रहने की अब यह आम परम्परा बन चुकी है।
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बसपा सुप्रीमो के मुताबिक, उन्हें यह नहीं भूलना चाहिये कि वो आज अगर राष्ट्रपति के पद पर आसीन हो पाए हैं तो उसकी सबसे बड़ी देन डॉ. अम्बेडकर की है। उनके बाद मूवमेन्ट को गति देने वाले कांशीराम और बीएसपी की है। जिसने बीजेपी को दलित समाज के व्यक्ति को देश का राष्ट्रपति बनाने के लिए मजबूर कर दिया है।
बाढ़ से प्रभावित हैं कई राज्य
गुजरात के साथ कई राज्य बाढ़ से प्रभावित हैं। पीएम मोदी को गुजरात ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों का भी ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि अब वे गुजरात के सीएम नही हैं। इस मामले में कोई भी पक्षपात नहीं होना चाहिए। गैर-बीजेपी शासित राज्यों की बिना पक्षपात के मदद करनी चाहिए।
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