49 मौतों के जिम्मेदार डीएम का तबादला, तो 70 मौतों पर रहम क्यों?

Gagan D Mishra
Published on: 4 Sept 2017 7:58 PM IST
49 मौतों के जिम्मेदार डीएम का तबादला, तो 70 मौतों पर रहम क्यों?
X
49 मौतों के जिम्मेदार डीएम का तबादला तो 70 मौतों पर रहम क्यों?

गगन दीप मिश्र

लखनऊ: यूपी के फर्रुखाबाद में राम मनोहर लोहिया राजकीय संयुक्त अस्पताल में एक महीने के दौरान 49 बच्चों की मौत पर योगी सरकार ने तेज़ी दिखाते हुए जिले के डीएम, सीएमओ का तबादला कर दिया। सरकार ने ये साफ़ किया कि वो किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं सहेगी। लेकिन इस कार्रवाई के बाद ये सवाल भी उठना लाज़मी है कि जब 49 बच्चों की सजा डीएम का तबादला है तो गोरखपुर में हुई 70 से भी ज्यादा मौतों कि सजा पर रहम क्यों?

गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हुई 45 बच्चों समेत 70 से ज्यादा हुई मौतों पर धीमी लेकिन कार्रवाई करते हुए अस्पताल के प्राचार्य समेत डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया लेकिन जिस अधिकारी को हादसे को रोकने की पूरी जिम्मेदारी थी, कहा जाता है कि जिसे हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की कमी के बारे में बताया भी गया था,यानी गोरखपुर जिलाधिकारी राजीव रौतेला, वो सरकार की नज़र में पाक साफ़ है ।

डीएम रौतेला की भूमिका पर इसलिए भी सवाल उठ रहे हैं , क्योंकि उन्होंने अंतिम समय तक चुप्पी क्यों साधे रखी ? क्या उन्हें अपने स्तर पर इस गंभीर समस्या या फिर उसके अंजाम के बारे में सक्षम अधिकारियों को सूचना नहीं दी ? क्या उन्हें बकाया राशि का मामला प्रकाश में नहीं लाना चाहिए था ?

यह भी पढ़ें ... फर्रुखाबाद में 49 बच्चों की मौत पर कार्रवाई, DM-CMO-CMS हटाए गए

मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की सप्लाई करने वाली कंपनी पुष्पा सेल्स ने जो चिट्ठी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को लिखी थी, उसकी प्रतिलिपि यूपी के चिकित्सा महानिदेशक के अलावा गोरखपुर के जिलाधिकारी को भी भेजा थी। जिलाधिकारी रौतेला इंसेफ्लाइटिस को लेकर सीएम की बैठक में भी मौजूद थे। क्या वहां राजीव रौतेला को बकाया रकम की जानकारी देने में शर्म आ रही थी ?

सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार ने जिलाधिकारी रौतेला पर रहम करते हुए कोई कार्रवाई नहीं की, इसके पीछे अब सियासी गलियारों में रौतेला का योगी आदित्यनाथ के करीबी होना बताया जा रहा है।

फर्रुखाबाद की घटना और कार्रवाई के बाद सबसे बड़ा सवाल ये है कि जब हादसा एक जैसा है, दोनों में पीड़ित बच्चे ही हैं, लापरवाही भी एक जैसी ही दिख रही है, तो फर्रुखाबाद के जिलाधिकारी पर एक्शन और गोरखपुर के जिलाधिकारी पर रहम क्यों?

यह भी पढ़ें ... गोरखपुर ट्रैजडी: डॉ.कफील खान को यूपी STF ने किया गिरफ्तार

फर्रुखाबाद को लेकर क्या कहा सरकार ने

प्रमुख सचिव स्वास्थ्य प्रशांत त्रिवेदी ने कहा कि फर्रुखाबाद हादसे में स्वास्थ्य निदेशक की अध्यक्षता अद्यक्ष्ता में एक टीम गठित की जा रही है। जिलाधिकारी की रिपोर्ट गलत थी इसी के चलते उन्हें तत्काल रूप से हटाया गया है।

पहले भी विवादों में रहे है राजीव रौतेला

राजीव रौतेला ने अलीगढ़ के डीएम रहते हुए कहा था कि सिपाही का काम देश की रक्षा करना है। सेना में सिपाही की केवल 12 साल की सर्विस होती है। उसके बाद वह पेंशन लेता है। यदि वह सेवा करते हुए अपने प्राणों को त्याग देता है तो गांव, परिवार कहता है कि जब तक नेता नहीं आएंगे, तब तक 50 लाख रुपए नहीं मिलेंगे, पट्रोल पंप नहीं देंगे, सड़क नहीं बनवाएंगे, तब तक लाश नहीं उठेगी, हमारा चरित्र क्या है, देश कैसे आगे बढ़ेगा।

फर्रुखाबाद जिलाधिकारी रवीन्द्र कुमार भी रहे है सुर्खियों में

रवीन्द्र कुमार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अनोखी पहल की शुरुआत की थी। उन्होंने जिले के अधिकारी , कर्मचारी , कोटेदार , लेखपाल , पंचायत सचिव , अध्यापक , प्रधान को बुलाकर जेल में बाद कैदियों से जेल के अंदर की तकलीफों से वाकिफ कराया। इसके साथ ही हिदायत भी दे दी कि भ्रष्टाचारियों की जगह खुले आसमान में नहीं, बल्कि जेल होगी।

Gagan D Mishra

Gagan D Mishra

Next Story

AI Assistant

Online

👋 Welcome!

I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!